अपोलो अस्पताल के चेयरमैन डॉ. प्रताप सी रेड्डी ने जयललिता की मौत को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है. डॉ. प्रताप सी रेड्डी अपने बयान में कहा है कि तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता के अपोलो अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान वहां के सभी सीसीटीवी कैमरे बंद थे.
डॉ. प्रताप सी रेड्डी के अनुसार एक इंटेनसिव केयर यूनिट को 75 दिनों तक केवल जयललिता के लिए बुक रखा गया था. 24 बिस्तरों वाले इस इंटेनसिव केयर यूनिट में 75 दिनों तक केवल जयललिता का इलाज हुआ.
डॉ. प्रताप सी रेड्डी ने एक कार्यक्रम से इतर मीडिया से कहा, 'दुर्भाग्य से हमने सीसीटीवी बंद कर दिए थे क्योंकि हम नहीं चाहते थे कि हर कोई उन्हें दिए जा रहे इलाज को देखे.' इस दौरान वहां कोई और मरीज नहीं था. रेड्डी ने कहा कि जयललिता के तल के सभी मरीजों को दूसरी मंजिल पर ट्रांसफर कर दिया गया था. ऐसा सुरक्षा कारणों की वजह से किया गया था.
उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री को अस्पताल लाया गया तो उनकी स्थिति गंभीर थी, लेकिन उनमें सुधार दिखा. बाद में उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उन्होंने अंतिम सांस ली.रेड्डी ने कहा कि उनके इलाज से जुड़े सभी दस्तावेजों को उनकी मौत की जांच कर रहे एकल न्यायिक जांच आयोग के पास जमा कर दिया गया है.
जयललिता को 22 सितंबर, 2016 को अस्पताल में भर्ती किया गया था. उनका निधन 5 दिसंबर को हुआ. वहीं इससे पहले जयललिता की सहयोगी वीके शशिकला ने कहा है कि वो खुद जयललिता को हॉस्पिटल ले कर गई थी. ये बातें वीके शशिकला ने उस कमिशन के सामने कही है जो इन दिनों तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता की मौत की जांच कर रही है. जयललिता को चार दिसंबर को कॉर्डिएक अरेस्ट हुआ जिसके अगले दिन उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था.
अंकुर कुमार