पूर्व सांसदों को हफ्ते भर में सरकारी बंगला खाली करने का आदेश जारी हुआ है. आवास समिति के अध्यक्ष सीआर पाटिल ने कहा कि सभी पूर्व सांसदों को सरकारी आवास खाली करने के लिए सात दिन का समय दिया गया है. अधिकारियों को तीन दिनों के भीतर इन आवासों की बिजली और पानी की आपूर्ति बंद करने के लिए कहा गया है.
वहीं, अधिकारियों का कहना है कि पूर्व सांसदों को भेजे गए पहले नोटिस की मियाद भी खत्म हो चुकी है. लिहाजा अब उन्हें अंतिम नोटिस देकर बता दिया गया है कि सख्त कार्रवाई के लिए तैयार रहें. लोकसभा की आवास समिति के अध्यक्ष सीआर पाटिल ने कहा कि समिति ने सोमवार को बैठक की थी जिसमें फैसला हुआ कि तीन दिनों में पूर्व सांसदों के सरकारी आवासों के बिजली, जल और गैस के कनेक्शन काट दिए जाएंगे.
एक दिन पहले खबर दी थी लोकसभा के 200 से ज्यादा पूर्व सदस्यों ने अब तक अपने सरकारी बंगले खाली नहीं किए हैं. इसके बाद यह घटनाक्रम हुआ है. पाटिल ने कहा, 'आवास समिति की आज हुई बैठक में, फैसला लिया गया है कि तीन दिन के अंदर ऐसे बंगलों के बिजली, जल और गैस कनेक्शनों को काट दिया जाएगा और पूर्व सांसदों से एक हफ्ते के अंदर आवासों को खाली करने को कहा गया है.'
उन्होंने कहा कि किसी भी पूर्व सांसद ने यह नहीं कहा है कि वह अपना बंगला खाली नहीं करेंगे. नियमों के अनुसार पूर्व सांसदों को पिछली लोकसभा भंग होने के एक महीने के भीतर अपने-अपने बंगलों को खाली करना होता है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केन्द्रीय मंत्रिमंडल की सिफारिश पर 16वीं लोकसभा को 25 मई को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया था.
एक सूत्र ने समाचार एजेंसी 'पीटीआई' को बताया, 'लोकसभा के 200 से अधिक पूर्व सांसदों ने अब तक अपने सरकारी बंगलों को खाली नहीं किया है. इन पूर्व सांसदों को 2014 में ये बंगले आवंटित किये गये थे.' इस वजह से नव निर्वाचित सांसद अस्थायी अवासों में रह रहे हैं.
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