राजस्थान में सत्ता परिवर्तन हुए 7 महीने से ज्यादा का वक्त हो गया है, लेकिन पिछली सरकार के मंत्री बंगला नहीं खाली कर रहे हैं. ऐसे में राज्य सरकार ने तय किया है कि जो मंत्री पद से हटने के बाद भी बंगला खाली नहीं करेंगे उन पर कड़ा जुर्माना लगाया जाएगा. कांग्रेस विधायक प्रशांत बैरवा ने राज्य सरकार के इस फैसले को सही कहा तो दूसरी तरफ विधानसभा में बीजेपी के उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने इसे जरूरत से ज्यादा सख्त बताया है.
सत्ता जाने के बाद सरकारी आवास नहीं खाली करने पर पूर्व मंत्रियों से रोज के हिसाब से 10 हजार रुपए का दंड राजस्थान सरकार वसूलेगी. इसके लिए प्रदेश सरकार ने राजस्थान मंत्री वेतन संशोधन विधेयक 2019 बनाया है, जिसे इसी सत्र में पेश किया जाएगा.
फिलहाल अभी नियम है कि सरकारी आवास खाली नहीं करने पर पूर्व मंत्रियों से 5000 रुपए प्रति महीने के हिसाब से जुर्माना वसूला जाता है, लेकिन नए विधेयक के मुताबिक, किसी भी मंत्री को पद से हटते ही 2 महीने के अंदर आवास खाली करना होगा.
अगर वह आवास खाली नहीं करते हैं तो सरकार के पास यह अधिकार होगा कि बलपूर्वक आवास को खाली कराया जाए. जो भी संबंधित अधिकारी होगा उसे अधिकार होगा कि वह मौजूदा बंगले को अपने कब्जे में ले और बंगले के अंदर सामानों और फर्नीचर को जब्त करे.
बता दें कि बीजेपी के हाथ से सरकार जा चुकी है, लेकिन उनके मंत्रियों और विधायकों को लगता है कम से कम अपने पास बंगला तो रह जाएं. नए स्पीकर के चयन से पहले ही 16 दिसंबर 2018 को बीजेपी सरकार में विधान सभा अध्यक्ष रहे कैलाश मेघवाल ने 37 विधायकों को आवास आवंटित कर दिया था. खास बात ये थी कि राज्यपाल ने 12 दिसंबर 2018 को ही विधानसभा भंग कर दी थी और 17 दिसंबर को नई सरकार को शपथ दिलाई थी.
शरत कुमार