देशभर में जब कश्मीर में धारा 370 हटाने को लेकर चर्चा हो रही थी, तब राजस्थान विधानसभा में सत्र के आखिरी दिन के अंतिम क्षण में विधायक और मंत्री अपनी तनख्वाह बढ़ाने की जल्दबाजी में थे.
ऑनर किलिंग बिल पर चर्चा हो रही थी, लेकिन विधायकों और मंत्रियों ने जनता से जुड़े इस बिल को रोक कर पहले अपने वेतन बढ़ाने का विधेयक पेश कर लिया. इस विधेयक के पास होने के बाद ही विधायक व मंत्रियों ने फिर ऑनर किलिंग बिल पर चर्चा की.
पिछले 3 सालों में राजस्थान विधानसभा में विधायक और मंत्रियों ने अपने वेतन को 60 गुना तक बढ़ा लिया है. इनके वेतन 20 हजार तक बढ़ गए हैं. बात-बात पर विवाद खड़ा कर सदन में जनता का समय जाया करने वाले पक्ष और विपक्ष के विधायक महज चंद मिनटों में ही अपने वेतन भत्ते का विधेयक पास करा लिया.
26 अप्रैल 2017 को बढ़ाए गए थे
बीजेपी सरकार के कार्यकाल में 26 अप्रैल 2017 को ही मंत्रियों व विधायकों ने वेतन बढ़ाए थे और एक बार फिर से महंगाई का रोना रोकर इन्होंने अपने वेतन बढ़वा लिए.
विधायकों का वेतन अब 25 हजार से बढ़कर 40 हजार हो गया है. निर्वाचन भत्ता 50 हजार से बढ़ाकर 70 हजार हो गया है. वहीं, विधायकों का दैनिक भत्ता 15 हजार से बढ़ाकर 20 हजार गया है.
राज्य के बाहर का भत्ता 2500 हो गया है. टेलीफोन भत्ता प्रतिमाह ढाई हजार हो गया है. निर्वाचन क्षेत्र में घूमने के लिए वाहन का खर्च 15 दिन के लिए 45,000 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है. रेल और हवाई यात्रा के लिए सालाना भत्ता 2 लाख से तीन लाख हो गया है. मकान के लिए 20 हजार से 30 हजार प्रति माह हो गया है.
वहीं, मुख्यमंत्री का वेतन 55 हजार से बढ़कर 75 हजार, विधानसभा अध्यक्ष का 50 हजार से बढ़कर 70 हजार, डिप्टी स्पीकर का 45 हजार से 65 हजार, डिप्टी सीएम का 10 हजार से 65 हजार, कैबिनेट मंत्री का 45 हजार से 65 हजार, राज्य मंत्री का 42 हजार से 62 हजार, संसदीय सचिव का 40 हजार से 60 हजार, नेता प्रतिपक्ष का 45,000 से 65 हजार हो गया है. पूर्व विधायकों का पेंशन भी 25 हजार से बढ़ाकर 35,000 कर दिया गया है.
सत्कार भत्ता
तनख्वाह के अलावा मुख्यमंत्री को सत्कार भत्ता 50 हजार मिलेगा. इसके अंतर्गत डिप्टी सीएम, मंत्री और राज्य मंत्री को 80 हजार, संसदीय सचिव को 70,000, उपमंत्री को 60,000 रुपये मिलेंगे.
वहीं, मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्रियों का मकान किराया 10 हजार से बढ़ाकर 30,000 मासिक कर दिया गया है. इनके अलावा उपाध्यक्ष, मुख्य सचेतक, उप मुख्य सचेतक, नेता प्रतिपक्ष को 5 लाख तक का फर्नीचर मिलेगा, जबकि विधानसभा अध्यक्ष, सरकारी मुख्य सचेतक और नेता प्रतिपक्ष को सत्कार भत्ते के रूप में 80 हजार रुपये मिलेंगे. इस दौरान फर्नीचर के लिए इन्हें 6 लाख मिलेगा.
शरत कुमार