जयपुर: 103 हाथियों का हुआ कोरोना टेस्ट, महावतों को रिपोर्ट का इंतजार

राजस्थान के जयपुर में 103 हाथियों का कोरोना टेस्ट हुआ है. हाथियों के महावत कोरोना रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं. ऐसा पहली बार है जब राजस्थान में हाथियों का कोविड टेस्ट कराया गया हो.

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हाथी का निरीक्षण करती मेडिकल टीम (तस्वीर- देव अंकुर) हाथी का निरीक्षण करती मेडिकल टीम (तस्वीर- देव अंकुर)

देव अंकुर

  • राजस्थान,
  • 14 जून 2020,
  • अपडेटेड 3:32 PM IST

  • हाथियों का कराया गया कोरोना टेस्ट
  • जल्द ही आएगी हाथियों की रिपोर्ट

राजस्थान कोरोना संक्रमण से जूझ रहा है. जयपुर में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, जिसका असर जानवरों पर भी पड़ने की आशंका जताई जा रही है. जयपुर में 103 हाथियों का कोविड-19 टेस्ट कराया गया है.

जयपुर के हाथीगांव इलाके में साल में दो बार हेल्थ कैंप लगता है, जिसमें हाथियों का हेल्थ चेकअप किया जाता है. ऐसा पहली बार हुआ है, जब हाथियों का कोरोना टेस्ट किया गया हो.

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आमेर फोर्ट के पास वाले इलाकों में जिन हाथियों की आवाजाही है, उन्हें इस टेस्ट में प्राथमिकता दी गई है. इस हेल्थ कैंप में जांच के लिए 3 डॉक्टर गए थे. डॉक्टरों की इस टीम में डॉक्टर राजेश शर्मा, अरविंद माथुर और धीरज शुक्ला शामिल थे.

जिन हाथियों का कोरोना टेस्ट कराया गया है, उनकी रिपोर्ट 10 से 15 दिनों में सामने आ जाएगी. हर 6 महीने पर वन विभाग हाथियों के स्वास्थ्य की जांच के लिए कैंप लगाता है.

इंडिया टुडे से बात करते हुए सीनियर वेटनेरी डॉक्टर अरविंद माथुर ने कहा, 'हर 6 महीने में वन विभाग की ओर से कैंप लगाया जाता है. इस कैंप में हम हाथियों के ब्लड, यूरीन, मुंह, रेक्टल सैंपल लेते हैं. टैस्ट सैंपल को पंचवटी और आईवीआर में जांच के लिए भेजते हैं.'

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जब सवाल किया गया कि हाथियों का कोरोना टेस्ट क्यों किया गया है तो उन्होंने कहा कि टेस्ट सुरक्षात्मक दृष्टि के मद्देनजर किए गए हैं.

लॉकडाउन में बेरोजगार हुए महावत!

लॉकडाउन के शुरुआती चरण के दौरान महावत और पालने वालों के पास रोजगार का कोई साधन नहीं रह गया था. जयपुर में जब पर्यटक आमेर के किले की ओर आते हैं तो इस इलाके में हाथियों को लेकर खासा क्रेज देखने को मिलता है. कोरोना संकट के चलते इनका बिजनेस पूरी तरह से प्रभावित हुआ है . अभावों के बावजूद महावतों ने कोरोना काल में भी हाथियों को परिवार के सदस्य की तरह पाला है.

हाथी गांव विकास समिति के अध्यक्ष बल्लू खान ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा, 'हाथी गांव और पूरे आमेर में 103 हाथी हैं. भगवान का शुक्र है कि अब तक जानवरों में कोरोना संक्रमण का केस सामने नहीं आया है. लेकिन इसके बाद भी हमने, राज्य सरकार और वन विभाग ने जानवरों के कोरोना टेस्ट के लिए कैंप लगाया.'

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उन्होंने कहा, 'हम ऐसा चाहते थे. हमने लिखित तौर पर दिया था कि एक कैंप आयोजित किया जाए, जिसमें हाथियों का टेस्ट कराया जाए. टेस्टिंग हो चुकी है, अब रिपोर्ट का इंतजार है.'

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हाथियों पर निर्भर हैं 8,000 परिवार

इन हाथियों के भरोसे करीब 8,000 परिवारों की रोजी-रोटी चलती है. ये परिवार आमेर के हाथीगांव इलाके में रहते हैं. इनकी आजीविका का साधन विदेशी पर्यटकों और देश के अलग-अलग हिस्सों से आने वाले पर्यटकों पर निर्भर है.

लॉकडाउन के दौरान महावतों को बड़ी आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा. हाथी पालना बेहद खर्चीला काम है, ऐसे में मालिकों पर हाथियों का अतिरिक्त बोझ पड़ रहा था.

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बल्लू खान ने कहा, 'हमें हाथियों के कोरोना होने को लेकर कोई डर नहीं है. वे हमारे परिवार का हिस्सा हैं. जब से लॉकडाउन लागू है, उन्हें हम अपने बच्चों की तरह पाल रहे हैं. अगर उन्हें रोग हो भी गया तो भी हम अपने हाथियों को नहीं छोड़ सकते, उनका इलाज होना जरूरी है.

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