शराब से रेवेन्यू बढ़ाने की खातिर राजस्थान सरकार ला रही है रंग-बिरंगे टेट्रा पैक

अभी तक आप दूध और फ्रूट जूस ही टेट्रा पैक में खरीदते थे मगर अब राजस्थान सरकार शराब भी टेट्रा पैक में बेचेगी. राजस्थान सरकार ने जो नई आबकारी नीति जारी की है उसमें लोगों को अब अंग्रेजी शराब ट्रेटा पैक में पिलाने की योजना बनाई गई है.

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शराब दुकान (प्रतीकात्मक तस्वीर) शराब दुकान (प्रतीकात्मक तस्वीर)

शरत कुमार

  • जयपुर,
  • 02 मार्च 2017,
  • अपडेटेड 10:48 PM IST

अभी तक आप दूध और फ्रूट जूस ही टेट्रा पैक में खरीदते थे मगर अब राजस्थान सरकार शराब भी टेट्रा पैक में बेचेगी. राजस्थान सरकार ने जो नई आबकारी नीति जारी की है उसमें लोगों को अब अंग्रेजी शराब ट्रेटा पैक में पिलाने की योजना बनाई गई है.

अब आप राजस्थान जाएंगे तो रंग-बिरंगे टेट्रा पैक में अलग-अलग तरह के शराब के पेय पदार्थ अलग-अलग मात्रा में आपको मिलेंगे. इसे लागू करने से पहले आबकारी विभाग ने इस नई पहल की तैयारी के लिए सभी जिलों में आबकारी के अधिकारियों से सुझाव मांगे थे. इसके बाद सभी आबकारी कमिश्नरों की बैठक हुई. बैठक में भरतपुर के आबाकारी निरीक्षक उमेश चंद गुप्ता ने यह प्रपोजल रखा जो पास हुआ और अब यह प्रस्ताव प्रदेश के सभी जिलों में लागू होगा.

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फिलहाल ग्राहकों को टेट्रा पैक में केवल अंग्रेजी शराब ही उपलब्ध होगी. यह 180 मिलीलीटर (एमएल) में मिलेगी. उसके बाद टेट्रा पैक में 180 और 250 एमएल में देशी शराब भी बेची जाएगी. इस टेट्रा पैक में 10% अल्कोहल की मात्रा कम होगी यानि टेट्रा पैक में एल्कोहल की मात्रा 65% ही होगी जो कि वर्तमान में बोतल के अंदर 75% है.

फिलहाल राजस्थान में रोजाना बीयर और शराब की बोतलों में करीब चार लाख कांच और प्लास्टिक की बोतलों की बिक्री होती है. इस वजह से खर्च में भी कमी आएगी और साथ ही टेट्रा पैक के आने से मिलावटी शराब की बिक्री पर पूरी तरह रोक लग सकेगी और नकली शराब नहीं बेची जा सकेगी.

टेट्रा पैक से प्लास्टिक कचरे से निजात मिलेगी और यह ईको फ्रेण्डली भी होता है. साथ ही परिवहन के समय होने वाली क्षति से भी बचा जा सकेगा. राज्य में आने वाले टूरिस्टों को भी इसे कैरी करने में मदद मिलेगी.

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इस बार राजस्थान सरकार ने अपना रेवेन्यू बढ़ाने के लिए शराब की खपत कम से कम 20 फीसदी तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है. 2016-17 में शराब की बिक्री राजस्थान के 20 जिलों में 10 से 20 फीसदी तक गिरी है जिसकी वजह से राजस्थान सरकार अपना रेवेन्यू बढ़ाने के लिए अलग-अलग उपाय कर रही है.

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