अनुच्छेद 370 पर फैसले के बाद सेना ने कश्मीर के लोगों के दिल जीतने का काम शुरू कर दिया है. इसके तहत लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पर आखिरी गांव में शुमार मच्छल और उसके आसपास के गांव के 20 छात्रों को राजस्थान के टूर पर लाया गया है. छात्रों को घुमाने के साथ-साथ उनको रोजगार की संभावनाएं भी उनको बताई जा रही है.
अपने टूर के तहत मच्छल से आए यह छात्र जयपुर, जोधपुर और अजमेर घूम रहे हैं. साथ ही होटल मैनेजमेंट और स्किल इंडिया के दूसरे हिस्सों का दौरा भी कर रहे हैं, जहां पर अपने लिए रोजगार की संभावनाएं तलाश रहे हैं. इनमें से बहुत सारे छात्रों से हमने बातचीत की और इन सब ने कहा कि हम फौज में जाना चाहते हैं. देश की सेवा करना चाहते हैं.
सुजल हरे और जागीर ने कहा कि हमें सेना की नौकरी बहुत अच्छी लगती है और दसवीं पास करने के बाद सेना में जाना चाहेंगे .कश्मीर घाटी से लगातार आ रही नकारात्मक खबरों के बीच बेहद सुकून देने वाली बात है कि कूपवाड़ा जैसे जगह से आए छात्र कह रहे हैं कि वह देश की सेवा करने के लिए फौज में शामिल होना चाहते हैं.
छात्रों ने बताया कि हमारे यहां बिजली, पानी और सड़क जैसी सुविधाएं नहीं है, लेकिन हमने राजस्थान में देखा कि किस तरह का विकास हुआ है और हम चाहते हैं इसी तरह का विकास हमारे जम्मू कश्मीर में भी हो.
सेना सद्भावना मिशन के तहत इन छात्रों को राजस्थान लेकर आई है और ऐसा प्लान किया जा रहा है कि अब जम्मू कश्मीर के अलग-अलग हिस्सों से छात्रों को लेकर देशभर में ले जाया जाएगा, जहां पर इनको भारत के दूसरे हिस्सों से रूबरू कराया जाएगा और इनके लिए रोजगार की संभावनाएं तलाशी जाएगी.
शरत कुमार