कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश सरकार को यह ऑफर दिया था कि पैदल घर लौट रहे प्रवासी मजदूरों के लिए वो 1000 बसें उपलब्ध कराना चाहती है. योगी ने प्रियंका का ऑफर स्वीकार कर बसों की सूची मांग ली. जांच में कई नंबर टेम्पो, कार और एम्बुलेंस के निकलने की बात सामने आई. कांग्रेस के कार्यकर्ता बसों के साथ आगरा में राजस्थान की सीमा पर 24 घंटे से अधिक समय तक डटे रहे.
लंबे चले लेटर वार के बाद बसें वापस लौट गईं, लेकिन उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सरकार के बीच बस पर संग्राम थमा नहीं. यूपी सरकार ने कोटा से अपने छात्रों को बसें भेजकर वापस बुला लिया था. राजस्थान सरकार की ओर से इसमें अपनी बसों का बिल यूपी सरकार को थमा दिया, वहीं अब राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने हजारों श्रमिकों को मुफ्त यूपी पहुंचाने का दावा किया है.
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राजस्थान सरकार ने दावा किया है कि अब तक उत्तर प्रदेश के 70 हजार मजदूरों को मुफ्त में उनके गृह राज्य पहुंचाया जा चुका है. राजस्थान सरकार का दावा है कि इनमें से करीब 30 हजार मजदूरों को अपनी बस से मुफ्त में उत्तर प्रदेश पहुंचाया है. सरकार के मुताबिक 8 हजार लोगों को हाथरस जैसी जगहों पर घर तक पहुंचाया गया है.देश-दुनिया के किस हिस्से में कितना है कोरोना का कहर? यहां क्लिक कर देखें
गौरतलब है कि राजस्थान सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार को लाखों रुपये का बिल थमा दिया था. इसे लेकर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच शुरू हुई बसों की लड़ाई उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सरकारों तक पहुंच गई.
शरत कुमार