शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने BJP नेता आरपी सिंह को भेजा कानूनी नोटिस, जानें पूरा मामला

नोटिस में चेतावनी दी गई है कि भारत में सक्रिय सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा का सक्रिय जिम्मेदार राजनीतिक हिस्सा/व्यक्ति होने के नाते, जानबूझकर और सीधे एसजीपीसी के खिलाफ शब्द कहे गए हैं. एसजीपीसी की सुस्थापित और बेदाग छवि, प्रतिष्ठा, गरिमा और सम्मान को बदनाम, नुकसान पहुंचाना और कम करना है. साथ ही सिख समुदाय और सिख तीर्थों की सर्वोच्च संस्था एसजीपीसी की बहुमूल्य भावनाओं को दुनिया भर में और खास तौर पर पूरे भारत में कम करना है.

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शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने बीजेपी नेता ने को कानूनी नोटिस भेजा है शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने बीजेपी नेता ने को कानूनी नोटिस भेजा है

अमन भारद्वाज

  • चंडीगढ़,
  • 25 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 11:30 PM IST

एसजीपीसी (शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी) ने बीजेपी नेता आर पी सिंह ने को कानूनी नोटिस भेजा है. कारण, सिंह ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को 'ईसाई कमेटी' में परिवर्तित होने वाला बताया था. इस पर पहले शिरोमणि अकाली दल ने सिंह के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने और उन्हें तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की. लेकिन बाद में सिंह से माफी मांगने को कहा. लेकिन आरपी सिंह की ओर से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर एसजीपीसी ने उनके बयान के लिए कानूनी नोटिस भेजा है. 

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एसजीपीसी द्वारा उनके अधिवक्ता ए एस सियाली द्वारा भेजे गए नोटिस में उल्लेख किया गया है, "एसजीपीसी के चुनाव के संबंध में एसजीपीसी के खिलाफ जानबूझकर और पूरे होश में यह कहते हुए शब्द कहे गए हैं कि भविष्य में एसजीपीसी 'शिरोमणि ईसाई कमेटी' में परिवर्तित होने जा रही है. इस संबंध में, आपके बयान का उद्देश्य दुनिया भर में सिख तीर्थस्थलों के प्रबंधन के लिए सर्वोच्च निकाय को बदनाम करना है, जिसका एकमात्र उद्देश्य एसजीपीसी की छवि, प्रतिष्ठा और सम्मान को बदनाम करना, अपमानित करना और बर्बाद करना है." 

आगे के नोटिस में चेतावनी दी गई है कि भारत में सक्रिय सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा का सक्रिय जिम्मेदार राजनीतिक हिस्सा/व्यक्ति होने के नाते, जानबूझकर और सीधे एसजीपीसी के खिलाफ शब्द कहे गए हैं. एसजीपीसी की सुस्थापित और बेदाग छवि, प्रतिष्ठा, गरिमा और सम्मान को बदनाम, नुकसान पहुंचाना और कम करना है. साथ ही सिख समुदाय और सिख तीर्थों की सर्वोच्च संस्था एसजीपीसी की बहुमूल्य भावनाओं को दुनिया भर में और खास तौर पर पूरे भारत में कम करना है. इसलिए तत्काल प्रभाव से सिविल, आपराधिक और अन्य प्रासंगिक कानून के तहत उचित कानूनी कार्यवाही शुरू करने की स्वतंत्रता है, जिसके परिणामस्वरूप उत्पन्न होने वाली सभी लागतों और परिणामों के लिए आपको जिम्मेदार ठहराया जाएगा.

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