पंजाब के एक कैबिनेट मंत्री ने कर्मचारियों की कर्मठता और कार्यकुशलता जानने के लिए अजीबो-गरीब फरमान जारी किया है. खाद्य और आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशु लुधियाना से विधायक हैं. उन्होंने लुधियाना नगर निगम के आयुक्त (कमिश्नर) प्रदीप सबरवाल को आदेश दिया है कि अधिकारियों और कर्मचारियों के जूतों पर लगी धूल-मिट्टी चेक कर पता लगाया जाए कि वो फील्ड में जाते हैं या नहीं.
इस पूरे मामले पर जब लुधियाना के आयुक्त से बात की गई तो वो भड़क गए और उन्होंने कहा कि कर्मचारी फील्ड में जा रहे हैं या नहीं, सिर्फ इस पर नजर रखने की तैयारी की जा रही है.
कर्मचारियों के जूतों पर लगी धूल चेक करने के आदेश के संबंध में पूछे जाने पर मंत्री भारत भूषण आशु भी तैश में आ गए. उन्होंने कहा कि “अगर कर्मचारियों की परफॉर्मेंस चेक की जाती है तो इसमें बुराई क्या है, जरूरत पड़ी तो पंजाब सरकार उनके जूते ही नहीं बल्कि उनके कपड़े भी चेक करेगी और इसमें कुछ भी गलत नहीं है.”
इस तरह के फरमान पर कर्मचारी यूनियनों ने नाराजगी जताते हुए सवाल खड़े किए हैं. उनका कहना है कि एक ओर तो पंजाब सरकार अपने कर्मचारियों को सैलरी, DA और अन्य भत्ते वक्त पर नहीं दे पा रही है, और कर्मचारी जो लगातार मेहनत कर रहे हैं, उनकी निष्ठा पर शक करते हुए उनके कामकाज को लेकर जूते चेक करने की बात की जा रही है.
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पंजाब कर्मचारी यूनियन के नेता सुखचैन सिंह खैहरा ने इस आदेश को बेतुका बताया है. उन्होंने कहा, जूतों पर धूल तो कोई कहीं से भी लगाकर या ऑफिस में बैठकर भी लगा सकता है. कर्मचारियों की परफॉर्मेंस चेक करने का आखिरकार ये क्या पैमाना है?
इस पूरे मामले पर विपक्षी दल आम आदमी पार्टी ने भी सवाल खड़े किए. आम आदमी पार्टी के नेता अमन अरोड़ा ने कहा कि मंत्रीजी पहले अपनी सरकार के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के जूते चेक करके देखें कि वो अपने कार्यकाल में कितनी बार फील्ड में गए हैं, उसके बाद ही कर्मचारियों के कामकाज को लेकर उनके जूतों पर लगी धूल चेक करने की बात करें.
अमन अरोड़ा ने कहा कि कर्मचारियों से पहले जवाबदेही सरकार के मंत्रियों, विधायकों और खुद मुख्यमंत्री की है लेकिन बेवजह कर्मचारियों को लेकर ये बचकाना बयान मंत्री की ओर से दिया गया है.
इस पूरे मामले पर अकाली दल ने भी मंत्री के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. पार्टी की ओर से कहा गया कि कैप्टन सरकार अपने 4 साल के कार्यकाल में पूरी तरह फेल रही है, और अब इस तरह से कर्मचारियों के जूतों पर लगी धूल को चेक करने की बात करके मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश की जा रही है.
सतेंदर चौहान