पंजाब में हो रही टारगेट किलिंग? गृह मंत्रालय ने जताई चिंता, विपक्ष बोला- राज्यपाल शासन की ओर

पंजाब में कानून व्यवस्था को लेकर आम आदमी पार्टी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है. अकेले नवंबर में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं कि विपक्ष से लेकर गृह मंत्रलाय तक को चिंता में डाल दिया है.

Advertisement
पंजाब की कानून व्यवस्था पर केंद्र ने उठाए सवाल पंजाब की कानून व्यवस्था पर केंद्र ने उठाए सवाल

मनजीत सहगल

  • चंडीगढ़,
  • 21 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 10:17 PM IST

पंजाब में कानून व्यवस्था को लेकर आम आदमी पार्टी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है. अकेले नवंबर में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं कि विपक्ष से लेकर गृह मंत्रलाय तक चिंता में आ गया है. चिंता इसलिए ज्यादा है कि क्योंकि ये टारगेट किलिंग की ओर इशारा कर रही है. विपक्ष जोर देकर कह रहा है कि आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद से राज्य में कानून व्यवस्था बिगड़ती जा रही है और ये राज्यपाल शासन की ओर अग्रसर है.

Advertisement

नवंबर में कितनी आपराधिक घटनाएं?

आंकड़ों में बात करें तो नवंबर 12 को मोहाली में महंत संत शीतल दास की हत्या कर दी गई. उसी दिन जालंधर में माता की चौकी कार्यक्रम में जमकर उत्पाद मचाया गया. नवंबर 10 को डेरा सच्चा सौदा के समर्थक प्रदीप सिंह को खालिस्तानियों ने मौत के घाट उतार दिया था. इसी तरह नवंबर 4 को हिंदू नेता सुधीर सूरी की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. वारिस पंजाब दे के संदीप सिंह ने इस हत्या को अंजाम दिया था.

इन घटनाओं के बाद ही गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार को एक चिट्ठी लिखी थी. उस चिट्ठी के जरिए कई मुद्दों पर सफाई मांगी गई. जेल में सक्रिय अपराधी, अवैध हत्यारों का इस्तेमाल जैसे मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगा गया. गृह मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि वारिस पंजाब दे जैसे संगठनों की गतिविधियों पर राज्य सरकार पैनी नजर रखे. खालिस्तानी संगठनों पर भी नकेल कसने की बात कही गई है. 

Advertisement

विपक्ष उठा रहा मान सरकार पर सवाल

अब केंद्र सरकार एक तरफ आप सरकार से सवाल पूछ रही तो विपक्षी भी तीखे हमले कर रहा है. अकाली नेता प्रेम सिंह चंदूमरजा कहते हैं कि पिछले सात महीनों में शायद ही ऐसा कोई दिन रहा हो जब पंजाब में कोई हत्या ना हुई हो. वसूली, हत्याएं सब आम बात हो गई हैं. आप के कई विधायक अवैध खनन में शामिल चल रहे हैं. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement