कोरोना वायरस के खतरे और लॉकडाउन के असर को देखते हुए पंजाब सरकार ने बड़ा ऐलान किया है. इस महामारी से प्रदेश में जिनकी आजीविका प्रभावित हो रही है, उनकी मदद के लिए पंजाब कैडर के सभी आईएएस अधिकारी मुख्यमंत्री राहत कोष में अपने एक दिन के वेतन का योगदान देंगे. पंजाब में अब तक 21 पुष्ट मामले सामने आ चुके हैं जबकि 1 कोरोना मरीज की मौत भी हो चुकी है. स्थिति बिगड़ती देख पंजाब सरकार ने राज्य के 5 जिलों (जालंधर, पटियाला, नवांशहर, होशियारपुर और संगरूर) में लॉकडाउन कर दिया है. यह लॉकडाउन 31 मार्च तक रहेगी.
इसी के साथ पंजाब के कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने कोरोना वायरस के कारण वर्तमान स्थिति में लोगों की मदद के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में अपना एक महीने का वेतन दान करने का फैसला किया है. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना वायरस की मौजूदा हालात को देखते हुए लोगों को 31 मार्च तक घरों में रहने के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की वजह से प्रदेश के कई लोगों की आजीविका पर गहरा असर पड़ेगा. खासकर गरीब और मजदूर तबका इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होगा. उनकी रोजी-रोटी का भी संकट पैदा हो सकता है.
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कैबिनेट मंत्री तृप्त बाजवा ने कहा, ऐसी स्थिति में औद्योगिक घरानों, सामाजिक और धार्मिक गुरुओं को बढ़चढ़ कर आगे आना चाहिए और संकट की इस स्थिति में लोगों की मदद करनी चाहिए. बाजवा ने लोगों से भी अपील की कि वे संक्रमितों को बचाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए हर कदम पर पूरा सहयोग करें. उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी किए गए सभी निर्देशों का सावधानीपूर्वक पालन करने की जरूरत है, न कि किसी प्रकार का डर फैलाने की.
बता दें, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने रविवार को केंद्र से एक व्यापक आर्थिक पैकेज की मांग की, ताकि राज्य में गरीब दैनिक वेतन श्रमिकों के अलावा सबसे कमजोर लोगों और अन्य प्रतिष्ठानों में COVID-19 से उत्पन्न कठिनाई को कम किया जा सके. एक अधिकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को इस संबंध में एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा है, जिसमें केंद्र से व्यावसायिक उद्यमों, छोटे उद्योगों के लिए आर्थिक सहायता देने का अनुरोध किया गया है.
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सतेंदर चौहान