क्या शपथ ग्रहण के लिए जेल में बंद अमृतपाल को मिलेगी बेल? कागजी कार्रवाई पूरा करने में जुटा परिवार

डिब्रूगढ़ जेल में बंद अमृतपाल ने पंजाब की खडूर साहिब सीट पर लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की है. उसने 1.70 लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की है. फिलहाल वह NSA के आरोप में बंद हैं और उसके खिलाफ लगभग दर्जन भर मामले हैं.

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अमृतपाल सिंह (फाइल फोटो) अमृतपाल सिंह (फाइल फोटो)

कमलजीत संधू

  • नई दिल्ली,
  • 08 जून 2024,
  • अपडेटेड 10:04 PM IST

खालिस्तान समर्थक नेता अमृतपाल सिंह ने लोकसभा चुनाव में खडूर साहिब सीट से जीत दर्ज की है. फिलहाल वह डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं. अमृतपाल के परिवार ने उसकी शपथ के लिए आवेदन दायर किया है. सूत्रों का कहना है कि परिवार औपचारिकताएं पूरी करने के लिए डिब्रूगढ़ में है. लेकिन इस प्रक्रिया को डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की सिफारिश के बाद जेल अधिकारियों की मंजूरी की जरूरत है.

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यही वजह है कि अमृतपाल का परिवार जल्द से जल्द कागजी कार्रवाई पूरी करने की कोशिश कर रहा है. सूत्रों का कहना है कि शपथ बाद में भी दिलाई जा सकती है. लेकिन लगता है अमृतपाल को तत्काल किसी तरह की राहत मिलने की संभावना नहीं है.

1.70 लाख वोटों के अंतर से जीता अमृतपाल

डिब्रूगढ़ जेल में बंद अमृतपाल ने पंजाब की खडूर साहिब सीट पर लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की है. उसने 1.70 लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की है. फिलहाल वह NSA के आरोप में बंद हैं और उसके खिलाफ लगभग दर्जन भर मामले हैं.

'वारिस पंजाब दे' के मुखिया अमृतपाल सिंह ने खडूर साहिब से 1,97,120 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की है. यह राज्य में सबसे बड़ी जीत है. इस जीत ने अमृतपाल सिंह को एक बार फिर से चर्चा में लाकर खड़ा कर दिया है.

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वायरल हुआ था अमृतपाल का घोषणापत्र

सोशल मीडिया पर वायरल हुए अमृतपाल के विवादित चुनावी घोषणापत्र में मीट, शराब और तंबाकू की दुकानों के अलावा सभी नाई की दुकानें और ब्यूटी पार्लर बंद करने का वादा किया गया था. इसमें यह भी कहा गया था कि डेरा, राधा स्वामी सत्संग, निरंकारी मिशन जैसे संप्रदाय, चर्च और मस्जिदों को भी काम नहीं करने दिया जाएगा. इसमें सिख युवकों को आधुनिक हथियारों की ट्रेनिंग देने की भी बात कही गई थी. 

हालांकि अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह ने इस बात से इनकार किया कि अमृतपाल ने ऐसा कोई घोषणापत्र जारी किया है. अमृतपाल के परिवार ने कहा था कि वे 6 जून तक उसकी जीत का जश्न नहीं मनाएंगे. अमृतपाल की मां ने कहा कि लोकसभा चुनाव में उसकी सफलता मारे गए खालिस्तानी आतंकवादियों को समर्पित है.

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