कश्मीर में आतंकी हमलों के बाद इसे मज़हबी रंग देने पर तीखी बहस हुई, जिसमें सीमा पार घुसपैठ और सुरक्षा पर सवाल उठे. वक्ताओं ने धर्म पूछकर मारने और 'भगवा आतंकवाद' जैसे शब्दों के प्रयोग पर चर्चा की, साथ ही आतंकवाद का कोई मज़हब न होने और राष्ट्रीय एकता बनाए रखने पर जोर दिया.