आंध्र प्रदेश पुलिस के कुछ जवान एक वीडियो में सांता क्लॉज की टोपी पहनकर केक खाते नजर आ रहे हैं. इस वीडियो को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने सवाल उठाया है और कहा है कि वर्दी पहने पुलिसकर्मी क्रिसमस मना रहे हैं. अगर यही पुलिसकर्मी कोई हिंदू त्योहार मना रहे होते तो धर्मनिरपेक्ष लोग बवाल मचाने लगते.
बीजेपी नेता के सवाल पर आंध्र प्रदेश सरकार ने जवाब दिया है. राज्य सरकार ने कहा कि यह सेलेब्रेशन है न कि किसी चीज को बढ़ावा दिया जा रहा है. यह यहां का रिवाज है कि पुलिस स्थानीय लोगों के त्योहारों में शरीक होती है. लोग मिठाई, भोजन आदि भेजते हैं और पुलिसकर्मी भी इसका जश्न मनाते हैं.
असल में, बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव और आंध्र प्रदेश के उप प्रभारी सुनील देवधर ने इस वीडियो को ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, 'क्रिसमस, ड्यूटी पर तैनाती के दौरान पुलिसकर्मियों द्वारा मनाया जाना उनकी वर्दी और शपथ का अपमान है. अगर यह एक हिंदू अनुष्ठान होता, तो सेक्युलरिस्टों ने भारत को हिलाना शुरू कर दिया होता. आंध्र प्रदेश के लोग राज्य प्रायोजित ईसाइयत को बढ़ावा देने के कार्यक्रम को देख रहे हैं. सभी को इस अवहेलना की निंदा करनी चाहिए.'
सुनील देवधर के इस ट्वीट पर बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कमेंट किया. सुब्रमण्यम स्वामी ने लिखा, 'देवधर एक बीजेपी पदाधिकारी हैं और बहुत बुद्धिमान हैं. उन्होंने विरोध जताते हुए सीएम को पत्र लिखा और मुझे एक प्रति भेजी.'
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इस पर आंध्र प्रदेश सरकार ने भी प्रतिक्रिया जाहिर की. आंध्र प्रदेश के सलाहकार एस. राजीव कृष्णा ने सुनील देवधर और सुब्रमण्यम स्वामी को संबोधित करते हुए कहा, 'प्रिय सर, आप स्थानीय मुद्दों को नहीं समझेंगे. आंध्र प्रदेश में तमाम त्योहारों (संक्रांति, दशहरा, गणेश पूजा, क्रिसमस) के अवसर पर प्रत्येक इलाके में लोगों के जश्न में पुलिस शामिल होती है. लोग मिठाई, भोजन, केक आदि भेजते हैं. यहां स्थानीय त्योहारों में हिस्सा लेने का रिवाज है. यह प्रचार नहीं, यह उत्सव है.'
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