भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 2 सितंबर को सदस्यता अभियान शुरू किया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदस्यता अभियान के लिए पार्टी की ओर से जारी किए नंबर पर मिस्ड कॉल करके बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर इस अभियान की शुरुआत की थी. इसके बाद अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों और पार्टी पदाधिकारियों ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. तब से अब तक आठ दिन हुए हैं और इस अवधि में बीजेपी ने दो करोड़ सदस्य बना लिए हैं. बीजेपी 10 करोड़ सदस्य बनाने का टार्गेट लेकर चल रही है. बीजेपी इस टार्गेट तक पहुंचने के लिए क्या कर रही है और जमीन पर किस तरह से सदस्यता अभियान चल रहा है?
1- बूथ लेवल पर फोकस
बूथ की पॉलिटिक्स पर फोकस करके चलने वाली बीजेपी ने सदस्यता अभियान की शुरुआत से ही बूथ पर फोकस कर रखा है. यूपी की ही बात करें तो पार्टी ने हर बूथ पर कम से कम दो सौ सदस्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. बूथ लेवल पर बैठकों के जरिये पार्टी के पदाधिकारी लोगों को किस तरह से सदस्यता ग्रहण करें, इसकी प्रक्रिया को लेकर जानकारी दे रहे हैं. ऐसा इसलिए भी किया जा रहा है, क्योंकि इसबार बीजेपी मेंबरशिप के फॉर्मेट में बदलाव किया गया है. मिस्ड कॉल देने पर सदस्यता क्रमांक आ रहा है. सदस्यता ग्रहण कराने वाले को इसे अपने खाते में जोड़ने के साथ ही नाम-पता से लेकर तमाम डिटेल भी भरनी है.
2- सांसद-विधायकों को जिम्मेदारी
10 करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य लेकर अभियान शुरू करने वाली बीजेपी ने सांसदों और विधायकों के साथ ही मेयर, जिला पंचायत अध्यक्ष जैसे जनप्रतिनिधियों को भी जिम्मेदारी दी है. यूपी में पार्टी ने लोकसभा और राज्यसभा सांसदों के लिए 20 हजार सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है. विधायकों के लिए यह संख्या 15 हजार निर्धारित की गई है. मेयर, नगर पंचायत अध्यक्ष और जिला पंचायत अध्यक्ष को भी व्यक्तिगत लक्ष्य दिए गए हैं. पार्टी ने सांसदों-विधायकों को ये निर्देश भी दिए हैं कि वे बूथ लेवल पर पहुंचकर सदस्यता अभियान को गति दें.
3- पदाधिकारियों को सख्त निर्देश
बीजेपी ने जिला स्तर पर जिलाध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों को भी सदस्यता अभियान को लेकर लक्ष्य दिया है. बीजेपी नेतृत्व ने जिलाध्यक्षों और अन्य पदाधिकारियों से भी सदस्यता अभियान में जी-जान से जुट जाने को कहा है. दो दिन पहले यूपी की समीक्षा बैठक में महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह ने हिदायत देते हुए कहा था कि ऐसे पदाधिकारियों को चिह्नित किया जाएगा जो सदस्यता अभियान में रुचि नहीं दिखाएंगे. ऐसे पदाधिकारियों को भविष्य में बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी.
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4- डोर-टू-डोर पहुंचने की रणनीति
बीजेपी ने यूपी में दो करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. पार्टी ने इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए अब रणनीति में भी थोड़ा सा बदलाव किया है. अब पार्टी के नेता डोर-टू-डोर जाएंगे और लोगों को यह बताएंगे कि वे बीजेपी से क्यों जुड़ें. पार्टी को उम्मीद है कि इससे सदस्यता अभियान और गति पकड़ेगा.
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5- नियमित मॉनिटरिंग
बीजेपी के पदाधिकारी सदस्यता अभियान की नियमित मॉनिटरिंग कर रहे हैं. अभी दो दिन पहले ही 9 सितंबर को महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये समीक्षा बैठक कर यूपी में बीजेपी के सदस्यता अभियान की समीक्षा की थी. उन्होंने समीक्षा बैठक में यह साफ कहा था कि बीजेपी की मजबूती के लिए अधिक से अधिक सदस्यता जरूरी है. समाज के हर वर्ग के लोगों को पार्टी से जोड़ें.
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