2019 लोकसभा चुनाव पर जारी किया गया एटलस, पढ़ सकेंगे डिजिटल किताब भी

चुनाव आयोग की ओर से जारी एटलस देश के सभी 543 लोकसभा क्षेत्रों के बारे में गहरी और उपयोगी जानकारी देता है. क्षेत्र, जातिगत आंकड़े, शिक्षा, लिंग अनुपात, सामाजिक स्थिति सहित कई वर्गीकरण के आंकड़े इस एटलस में मौजूद हैं.

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2019 में हुए आम चुनाव पर एटलस जारी 2019 में हुए आम चुनाव पर एटलस जारी

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 18 जून 2021,
  • अपडेटेड 7:45 PM IST
  • 2019 में हुए आम चुनाव पर एटलस जारी
  • सभी 543 लोकसभा क्षेत्रों के बारे में जानकारी
  • EC ने डिजिटल संस्करण भी किया प्रकाशित

निर्वाचन आयोग ने 17वीं लोकसभा के लिए 2019 में हुए आम चुनाव पर एटलस जारी किया है. मानवीय इतिहास में ये आम चुनाव सबसे बड़ी लोकतांत्रिक प्रक्रिया के रूप में दर्ज हो गया है. इसमें 61.468 करोड़ मतदाताओं ने 10.378 करोड़ मतदान केंद्रों पर वोट डाले. मतदान की पूरी प्रक्रिया भारत के 32 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में संपन्न हुई.

एटलस देश के सभी 543 लोकसभा क्षेत्रों के बारे में गहरी और उपयोगी जानकारी देता है. क्षेत्र, जातिगत आंकड़े, शिक्षा, लिंग अनुपात, सामाजिक स्थिति सहित कई वर्गीकरण के आंकड़े इस एटलस में मौजूद हैं. 1951-52 से लेकर अब तक हुए सभी आम चुनावों के बाद आयोग उनके बारे में किताब की शक्ल में जानकारी प्रकाशित करता रहा है. 

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इस बार ये जानकारी आंकड़ों के साथ दस्तावेजीकरण यानी डिजिटल रूप में भी संरक्षित है. एटलस में थीम पर आधारित 42 नक्शे हैं और 90 सारणी, यानी टेबल के जरिए आंकड़ों के साथ चुनावों से संबंधित कानूनी बारीकियां भी समझाई गई हैं.

चुनाव से जुड़ी हर बारीक जानकारी

ये एटलस आम जन के साथ भारतीय लोकतांत्रिक इतिहास पर शोध करने वालों के लिए भी उपयोगी होगा. क्योंकि उसमें चुनावी नेरेटिव और आंकड़ों के जरिए तार्किक ढंग से चीजें समझाई गई हैं. मतदान कराने से महीनों पहले मतदाता सूची में संशोधन, प्रकाशन के शुरू होने के साथ-साथ नतीजे प्रकाशित होने और सदन का गठन होने तक की पूरी प्रक्रिया, बारीक जानकारी के साथ इसमें दर्ज है.

बता दें, 2019 लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए बीजेपी ने पिछली बार (2014 लोकसभा चुनाव) से भी ज्यादा सीटें जीती. बीजेपी ने इस बार के चुनाव में अपने दम पर 300 के आंकड़े को हासिल किया है. वहीं एनडीए गठबंधन कुल 352 सीटें जीतने में सफल रहा. हालांकि बीजेपी की सहयोगी रही शिवसेना को भी 18 सीटें मिली थी, जो बाद में एनडीए से अलग हो गई. अगर सिर्फ बीजेपी की बात करें तो उसे 303 सीटें मिली.

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बीजेपी की इस जीत में पीएम नरेंद्र मोदी का चेहरा और बीजेपी चीफ अमित शाह रणनीति को अहम माना गया था. वहीं कांग्रेस पार्टी ने 52 सीटें जीतीं और कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 90 का आंकड़ा पार किया.

 

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