कोरोना के चलते इस बार सावन मास में द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा काशी विश्वनाथ के गर्भगृह में न तो भक्त प्रवेश कर सकेंगे और न ही बाबा का स्पर्श दर्शन ही कर सकेंगे, सिर्फ झांकी दर्शन की अनुमति दी जाएगी. गर्भगृह के बाहर से ही झांकी दर्शन के साथ बने अर्घे में गंगाजल डालकर जलाभिषेक करना होगा.
दरअसल, शहर में जगह-जगह बड़े एलइडी के जरिए बाबा के सीधे दर्शन की भी
व्यवस्था की गई है. धार्मिक स्थलों के खुल जाने के बाद भी सावन में धर्म की
नगरी काशी के शिवालयों और खासकर द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा
काशी विश्वनाथ के दिशा-निर्देशों के अनुसार दर्शन करा पाना
प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है.
इसी चुनौती से निपटने के
लिए प्रशासन ने कई व्यापक इंतजाम किए हैं. जिसमें सबसे अहम फैसला मंदिर के
गर्भगृह में प्रवेश से रोक और स्पर्शदर्शन पर भी रोक का है. इस बारे में
और जानकारी देते हुए वाराणसी के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि बाबा
काशी विश्वनाथ का स्पर्श दर्शन पूरी तरह से सावन माह में प्रतिबंधित रहेगा, गर्भगृह के बाहर लगे
अर्घे के जरिए केवल जलाभिषेक किया जा सकेगा. इस प्रकार दर्शन करके
श्रद्धालु दूसरे रास्ते से बाहर निकल जाएंगे.