प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को 200 करोड़ की लागत से बने पंतजलि के आयुर्वेदिक रिसर्च इंस्टीट्यूट का उद्घाटन किया. योगगुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया.
आपको बता दें कि पतंजलि ग्रुप के सीईओ बाबा रामदेव के सबसे करीबी आचार्य बालकृष्ण हैं. फोर्ब्स के मुताबिक आचार्य बालकृष्ण 25 हजार करोड़ की प्रॉपर्टी के मालिक हैं.
कंपनी के सीईओ होने के बावजूद आचार्य बालकृष्ण कोई सैलरी नहीं लेते. हालांकि पतंजलि में 97 फीसदी हिस्सेदारी उनके ही नाम है. हालांकि वह आज भी लुंगी और कुर्ता पहने ही नजर आते हैं.
बीते साल फोर्ब्स की 100 सबसे अमीर इंडियंस की लिस्ट में आचार्य बालकृष्ण का भी नाम शामिल था. बालकृष्ण रेंज रोवर कार से चलते हैं. इसका इस्तेमाल वह पतंजलि परिसर के एक हिस्से से दूसरे में जाने के लिए भी करते हैं.
इसके अलावा वह एप्पल का आईफोन इस्तेमाल करते हैं. एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने इस बात का जिक्र किया है.
पतंजलि ग्रुप की शुरुआत 1995 में आयुर्वेदिक सामान बेचने वाली दिव्य फार्मेसी के रूप में हुई थी, जिसका हेड ऑफिस हरिद्वार में है.
50 करोड़ का लोन लेकर शुरू की गई इस कंपनी का टर्नओवर अगले साल 10 हजार करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है.
बाबा रामदेव और बालकृष्ण की मुलाकात 30 साल पहले हरियाणा के एक स्कूल में हुई थी. दोनों वहां के गुरुकुल स्कूल में पढ़ते थे और उसी दौरान दोनों की दोस्ती हो गई थी.
बाबा रामदेव उन्हें अपना 'बिजनेस पार्टनर नहीं, आध्यात्मिक दोस्त' कहकर पुकारते हैं. वहीं बालकृष्ण कहते हैं, 'हमारे बीच बोर्ड मीटिंग जैसा कुछ नहीं होता.'
बालकृष्ण कहते हैं कि बाबा रामदेव कभी-कभी मेरे पास कोई आइडिया लेकर आते हैं, और वह पहले से जानते हैं कि मुझे क्या चाहिए.