मशहूर तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन की हालत नाजुक है. तबला को पूरी दुनिया में मशहूर करने वाले जाकिर का अमेरिका में इलाज चल रहा है. जाकिर हुसैन को 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से नवाजा गया था, इसके साथ ही उन्होंने तीन बार ग्रैमी अवॉर्ड भी जीता था.
दुनिया के सबसे सम्मानित म्यूजिक अवार्ड्स कहे जाने वाले ग्रैमी अवार्ड्स-2024 में फ्यूजन बैंड 'शक्ति' को 'बेस्ट ग्लोबल म्यूजिक एल्बम' का अवॉर्ड मिला था. इस बैंड में शंकर महादेवन, जॉन मैकलॉलिन, जाकिर हुसैन, वी सेल्वागणेश और गणेश राजगोपालन जैसे दिग्गज कलाकार थे.
बैंड 'शक्ति' को म्यूजिक एल्बम 'दिस मोमेंट' के लिए 66वें ग्रैमी अवॉर्ड्स में 'बेस्ट ग्लोबल म्यूजिक एल्बम' कैटगरी में विनर घोषित किया गया था. बैंड ने 45 साल बाद अपना पहला एल्बम रिलीज किया था, जिसे सीधा ग्रैमी अवार्ड मिला था. इंग्लिश गिटारिस्ट जॉन मैकलॉलिन ने 1973 में भारतीय वायलिन प्लेयर एल. शंकर, तबला वादक जाकिर हुसैन और टी.एच. 'विक्कू' विनायकराम के साथ फ्यूजन बैंड 'शक्ति' की शुरुआत की थी, लेकिन 1977 के बाद ये बैंड बहुत एक्टिव नहीं रहा. 1997 में जॉन मैकलॉलिन ने फिर से इसी कॉन्सेप्ट पर 'रिमेम्बर शक्ति' नाम से बैंड बनाया और इसमें वी. सेल्वागणेश (टी.एच. 'विक्कू' विनायकराम के बेटे), मैन्डलिन प्लेयर यू. श्रीनिवास और शंकर महादेवन को शामिल किया था. 2020 में ये बैंड फिर से साथ आया और 'शक्ति' के तौर पर इन्होने 46 साल बाद अपना पहला एल्बम 'दिस मोमेंट' रिलीज किया.
मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन ने 3 बार ग्रैमी अवॉर्ड जीता था. इससे पहले उन्होंने एल्बम 'प्लेनेट ड्रम्स' के लिए टी.एच. 'विक्कू' विनायकराम के साथ ग्रैमी जीता था, जबकि 2008 में उन्हें 'ग्लोबल ड्रम प्रोजेक्ट' के लिए ग्रैमी मिला था. बैंड 'शक्ति' की जीत के साथ जाकिर के खाते में ये तीसरा ग्रैमी जुड़ गया था.
(नोट- उस्ताद जाकिर हुसैन को लेकर पहले निधन की खबर आई. सभी मंत्रियों ने शोक भी व्यक्त किया. हालांकि बाद में उनके भांजे अमीर औलिया ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा कि जाकिर हुसैन की तबीयत अभी नाजुक है. संबंधित खबरों को नई जानकारी के साथ अपडेट कर लिया गया है.)
aajtak.in