दिल्ली के जंतर-मंतर पर पिछले 14 दिनों (23 अप्रैल) से धरने पर बैठे पहलवानों को किसान संगठनों और खाप पंचायतों ने खुलकर समर्थन दे दिया है. खाप के साथ-साथ बड़ी तादाद में किसान संगठन के लोग जंतर-मंतर पहुंच गए हैं. रविवार को भारतीय किसान यूनियन उगराहां और संयुक्त किसान मोर्चा, दोनों के कार्यकर्ताओं ने जंतर-मंतर पर जमावड़ा लगाया. पंजाब से आए बीकेयू के सदस्यों ने इस दौरान लंगर भी लगाया.
भारी भीड़ को देखते हुए पहले ही दिल्ली पुलिस अलर्ट मोड में आ गई थी. सोनीपत-दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर अलर्ट जारी कर दिया गया था. सिंघु बॉर्डर पर भी भारी पुलिस बल की तैनाती रविवार सुबह से ही कर दी गई थी. यहां SSB की बटालियन भी तैनात है. पुलिस यहां पिकेट लगाकर चेकिंग कर रही है. इस दौरान किसानों और पहलवानों ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की और सरकार को 15 दिन का वक्त दिया है.
किसान संगठनों ने पहलवानों के साथ आज धरना स्थल पर एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मंच पर राकेश टिकैत, 24 खापों के प्रधान, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक नजर आए. किसानों और पहलवानों ने सरकार को 15 दिन की डेडलाइन दी है. उन्होंने कहा, पहलवान अपना संघर्ष जारी रखें. संयुक्त किसान मोर्चा और खापों की मांग है कि बृजभूषण को गिरफ्तार किया जाए. 21 मई तक बृजभूषण की गिरफ्तारी नहीं हुई तो बड़ा फैसला लिया जाएगा.
राकेश टिकैत ने आजतक से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए कहा कि पहलवानों ने हमें शांतिपूर्ण आंदोलन के समर्थन करने और स्वयंसेवकों की तैनाती करने के लिए कहा है. टिकैत ने आगे कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिन लोगों ने देश को गौरवान्वित किया, उन्हें बाहरी जैसा महसूस कराया जा रहा है. देश का मान बढ़ाने वालों को बेगाना महसूस किया जा रहा है.
जंतर-मंतर पर लोगों को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि इस मुद्दे पर खाप साथ हैं. आंदोलन के रोडमैप को लेकर बैठक जारी है. इस मुद्दे पर मोदी सरकार की आलोचना क्यों नहीं की जा रही, क्या इस मसले पर राहुल गांधी की आलोचना होनी चाहिए? उन्होंने कहा कि भूत उतारना पड़ेगा. इसके लिए कभी मिर्ची का इस्तेमाल करना पड़ता है तो कभी कुछ और करना पड़ता है. टिकैत ने सवाल किया कि क्या दिल्ली पुलिस ने पहले भी इसी तरह की धाराओं के तहत किसी को गिरफ्तार नहीं किया है? अगर नहीं किया है तो उसे (बृजभूषण) गिरफ्तार न करे और अगर किया है तो आगे कार्रवाई करे.
दिल्ली के जंतर-मंतर पर रेसलर्स का धरना-प्रदर्शन जारी है. आज किसान संगठन और खाप पंचायतें यहां पहुंच रही हैं. इस बीच राकेश टिकैत के बाद BKU टिकैत के अध्यक्ष नरेश टिकैत भी जंतर-मंतर में स्थित पहलवानों के धरनास्थल पर पहुंचे.
संयुक्त किसान मोर्च के नेता राकेश टिकैत अपने समर्थकों के साथ पहलवानों के धरना स्थल पर पहुंच गए हैं. उनके साथ दर्शन पाल, हनान मोल्लाह जैसे नेता भी पहुंचे. एसकेएम ने पहलवानों को समर्थन देने की घोषणा की. एसकेएम नेताओं ने मोदी सरकार और बृजभूषण का पुतला जलाने की भी घोषणा की. नेता बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं.
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पंजाब से कार्यकर्ताओं को लेकर पहुंचे संगठन बीकेयू उगराहां ने ऐलान किया है कि वह 11 मई से 18 मई के बीच देश भर में मोदी सरकारऔर बृजभूषण की अर्थी जलाएगा. अर्थियां जलाने की घोषणा संगठन के जोगिंदर उगराहां ने की है.
जंतर-मंतर पर धरना दे रहे किसानों के समर्थन में पंजाब के किसान दिल्ली पहुंचे. टिकरी बॉर्डर के रास्ते होते हुए धरनास्थल पर पहुंचे किसानों ने जंतर-मंतर पर डेरा डालते हुए लंगर शुरू कर दिया है.
(इनपुट: अमित भारद्वाज)
पहलवानों के समर्थन में मौजूदगी दर्ज कराने के लिए पंजाब का सबसे बड़ा किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) के सदस्य दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंच गए हैं. बीकेयू के सदस्यों के साथ जोगिंदर सिंह उगराहां सैकड़ों महिला कार्यकर्ताओं को लेकर पहलवानों के विरोध में शामिल हुए हैं.
(इनपुट: अमित भारद्वाज)
भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने खाप पंचायतों और हरियाणा के जाटों से अपील की है कि वह दिल्ली आने से पहले अपने गांव या आसपास के किसी भी पहलवानों से उनके बारे में पूछ लें. बृजभूषण ने कहा कि जो लड़ाई वह लड़ रहे हैं, वह जूनियर बच्चों के लिए है. उन्होंने आगे कहा कि गरीब बच्चों के माता पिता अपने जीवन में कटौती कर अपने बच्चों को पहलवान बनाना चाहते हैं. वह उनकी लड़ाई लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा है कि यदि एक भी गुनाह साबित हो गया तो वह फांसी पर लटक जाएंगे.
महिला किसानों का जत्था टिकरी बॉर्डर, बहादुरगढ़ पहुंचा. महिलाएं बसों और जीप में बैठकर पहुंचीं. ये महिलाएं पहलवानों के प्रति अपना समर्थन जताने पंजाब से आई हैं. यहां दिल्ली पुलिस के उन्हें रोका, जिसके बाद किसानों ने जमकर नारेबाजी की. टिकरी बॉर्डर पहुंची महिलाएं अपने साथ खाना बनाने का सामान लेकर आईं और जंतर-मंतर के लिए रवाना हो गईं. ये महिलाएं भारतीय किसान यूनियन उग्राहा से जुड़ी हुई हैं, जो किसान आंदोलन में भी शामिल रही थीं.
(इनपुट: कमलजीत संधू)
(इनपुट: सुशांत मेहरा)
सिंघु बॉर्डर पर फिलहाल जाम की स्थिति नहीं है, लेकिन पुलिस पूरी तरह मुस्तैद है. क्योंकि, नेशनल हाईवे 44 होने के कारण यह काफी ट्रैफिक वाली सड़क है. इसलिए गाड़ियों की चेकिंग शुरू होने पर जाम की स्थिति बन सकती है. बता दें कि यह सड़क दिल्ली को हरियाणा पंजाब हिमाचल और जम्मू कश्मीर से जोड़ती है.
(इनपुट: अरविंद ओझा)
सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था मुस्तैद कर दी गई है. बैरिकेडिंग की जा रही है. साथ ही मिट्टी के बड़े-बड़े डंपर भी एहतियात के तौर पर खड़े कर दिए गए हैं. ताकि, अचानक से बॉर्डर को बंद करना पड़े तो उन डंपर को आगे लगाया जा सके और रास्ता बंद किया जा सके. अगर बड़ी तादाद में ट्रैक्टर आते हैं तो उस वक्त उन्हें रोकना पुलिस के लिए चुनौती का सबब बन सकता है. इस लिहाज से ही डंपर खड़े किए गए हैं.
(इनपुट: अरविंद ओझा)