'कच्चा बांस काटकर रखा है', TMC कार्यकर्ताओं पर दिलीप घोष का विवादित बयान

दिलीप घोष ने यह विवादित बयान बंगाल के पश्चिम मिदनापुर में चुनाव प्रचार के दौरान दिया है. उन्होंने कहा कि TMC कार्यकर्ता चुनाव के दौरान बम से हमला कर सकते हैं. इसलिए बीजेपी कार्यकर्ताओं को तैयार रहना जरूरी है.

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दिलीप घोष (File Photo) दिलीप घोष (File Photo)

अनुपम मिश्रा

  • कोलकाता,
  • 23 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 4:41 PM IST
  • पश्चिमी मिदनापुर में चुनाव प्रचार कर रहे थे घोष
  • बम से हमला कर सकते हैं टीएमसी कार्यकर्ता- दिलीप घोष

पश्चिम बंगाल में 108 नगरीय निकाय सीटों पर 27 फरवरी को चुनाव होना है. इससे पहले राजनीतिक बयानबाजी का दौर जारी है. भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को लेकर एक विवादित बयान दिया है. 

दिलीप घोष बुधवार को पश्चिम मिदनापुर में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस सीट पर लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा को लीड मिली थी. ये बात TMC कार्यकर्ता अच्छी तरह से जानते हैं. इसलिए यहां हिंसा को बढ़ावा दिया जाएगा. उन्होंने आगे कहा, 'तृणमूल कार्यकर्ताओं के लिए हमारे कार्यकर्ताओं ने कच्चा बांस काटकर रखा है और जरूरत पड़ने पर इसका इस्तेमाल किया जाएगा.'

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चुनाव प्रचार पर निकले दिलीप घोष ने कहा कि टीएमसी कार्यकर्ता बीजेपी के पोस्टर-बैनर फाड़कर कार्यकर्ताओं को रोकने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि हमारे कार्यकर्ता भी यहां बेहद मजबूत हैं. वो उसी भाषा में जवाब देंगे, जिस भाषा में उन्हें जवाब मिलेगा. यहां मतदान होगा और लोग वोट देंगे. हमें अपने दम पर वोट करवाना होगा और उसकी भी तैयारी चल रही है.

दिली घोष ने चुनाव से पहले बंगाल में सेंट्रल फोर्सेस की तैनाती करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि बंगाल में सेंट्रल फोर्सेस की जरूरत है. यहां आम आदमी को डर लगता है. चुनाव के दौरान यहां बम फेंके जाएंगे. ऐसे में अगर केंद्रीय सुरक्षाबल रहेंगे तो लोग सुरक्षित महसूस कर निकलेंगे और वोट देंगे. हालांकि, दिलीप घोष के बयान पर अभी TMC ने आधिकारिक बयान जारी नहीं दिया है. सूत्रों के मुताबिक टीएमसी चुनाव आयोग में इसकी शिकायत कर सकती है.

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विधानसभा चुनाव में दूसरी बार मिली थी बंगाल की कमान

बता दें कि पश्चिम बंगाल के इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने दिलीप घोष के नेतृत्व में दूसरी बार चुनाव लड़ा था. चुनाव में पार्टी का ग्राफ जरूर सुधरा था, लेकिन टीएमसी जीतने में कामयाब रही थी. इसके बाद भाजपा सांसदों का लगातार पार्टी छोड़ने का क्रम जारी था. जिसे देखते हुए दिलीप घोष बीजेपी बंगाल अध्यक्ष की जिम्मेदारी छीनकर डॉ. सुकांत मजूमदार को दे दी गई थी.

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