'RAW के अफसर विक्रम यादव थे CC-1...', पन्नू की हत्या की साजिश वाले आरोप में US मीडिया का नया दावा

पिछले साल फाइनेंशियल टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि अमेरिका में पन्नू की हत्या की साजिश रची गई थी, जिसे अमेरिका ने नाकाम कर दिया था. कहा गया कि इस मामले को अमेरिका ने भारत सरकार के समक्ष भी उठाया था. अब इसको लेकर वॉशिंगटन पोस्ट ने बड़ा दावा किया है.

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खालिस्तानी गुरपतवंत सिंह पन्नू (फाइल फोटो) खालिस्तानी गुरपतवंत सिंह पन्नू (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 29 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 9:08 PM IST

खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश को लेकर अब अमेरिकी मीडिया ने भारत की जांच एजेंसी RAW पर सवाल उठाए हैं. वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के पूर्व अधिकारी विक्रम यादव ने एक टीम को काम पर रखा था और अमेरिकी धरती पर खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू पर हमले की साजिश रची थी.

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रिपोर्ट में दावा किया गया है कि विक्रम यादव ने पन्नू के बारे में डिटेल्स भेजी थी, जिसमें उसका न्यूयॉर्क का पता भी शामिल था. वाशिंगटन पोस्ट ने दावा किया कि विदेश मंत्रालय ने उसके लेख पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया.

बता दें कि इससे पहले नवंबर 2022 में फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि अमेरिका ने पन्नू को मारने की साजिश को नाकाम कर दिया है. रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि अमेरिका ने इस चिंता पर भारत सरकार को चेतावनी जारी की कि भारत पन्नू को खत्म करने की साजिश में शामिल था.

इसके बाद, मैनहट्टन कोर्ट में एक अभियोग दायर किया गया जिसमें दावा किया गया कि निखिल गुप्ता नाम के एक व्यक्ति ने पन्नू की हत्या की योजना में भारत सरकार के अधिकारी के साथ मिलीभगत की, जिसके पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है. 

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अभियोग रिपोर्ट में एक अज्ञात व्यक्ति, 'सीसी-1' का उल्लेख किया गया है, जिसने कथित तौर पर भारत से पन्नू को मारने की साजिश का ऑर्डर दिया था. आरोपों में कहा गया है कि उसने पन्नू की हत्या की साजिश रचने के लिए मई 2023 में निखिल गुप्ता को हायर किया था. वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यह 'CC-1' विक्रम यादव है.

क्या था मामला?

पिछले साल फाइनेंशियल टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि अमेरिका में पन्नू की हत्या की साजिश रची गई थी, जिसे अमेरिका ने नाकाम कर दिया था. कहा गया कि इस मामले को अमेरिका ने भारत सरकार के समक्ष भी उठाया था. 

रिपोर्ट में कहा गया था कि इस मामले से परिचित लोगों ने यह नहीं बताया कि क्या भारत के समक्ष इस मामले को उठाने की वजह से साजिशकर्ताओं ने अपनी योजना बदल दी या फिर एफबीआई के हस्तक्षेप से इस साजिश को नाकाम कर दिया गया. मामले में एक भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर पन्नू की हत्या की कथित साजिश रचने का आरोप लगा था. अमेरिकी अधिकारियों ने आरोप लगाया था कि निखिल गुप्ता न्यूयॉर्क शहर में रहने वाले सिख अलगाववादी पन्नू को मारने के लिए एक हत्यारे को 100,000 अमेरिकी डॉलर देने पर सहमत हुए थे. इसमें से 15 हजार डॉलर की एडवांस पेमेंट 9 जून 2023 को कर दी गई थी. लेकिन, जिस शख्स को इस काम के लिए हायर किया गया था, वह अमेरिकी एजेंसी का ही खुफिया एजेंट था.

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निखिल गुप्ता फिलहाल चेक गणराज्य की जेल में बंद है. अमेरिकी अधिकारियों का आरोप है कि एक अज्ञात भारतीय सरकारी कर्मचारी के निर्देश पर निखिल गुप्ता ने अमेरिका में पन्नू को मारने की साजिश रची थी. निखिल को 30 जून को अमेरिकी सरकार के अनुरोध पर चेक गणराज्य में गिरफ्तार किया गया था. 

PM मोदी ने दी थी प्रतिक्रिया

पीएम मोदी ने पिछले साल ब्रिटिश अखबार फाइनेंशियल टाइम्स को दिए इंटरव्यू में कहा था कि विदेशों में छिपे कुछ चरमपंथी समूह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में डराने-धमकाने और हिंसा भड़काने में लगे हुए हैं. उन्होंने कहा था कि सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी सहयोग दोनों देशों के बीच साझेदारी का प्रमुख पैमाना रहा है. मुझे नहीं लगता है कि कुछ घटनाओं को दोनों देशों के राजनयिक संबंधों से जोड़ना उचित है. हमें इस तथ्य को स्वीकार करने की जरूरत है कि हम बहुपक्षवाद के युग में जी रहे हैं. दुनिया एक दूसरे से जुड़ी होने के साथ-साथ एक दूसरे पर निर्भर भी है. 

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