PoK में ट्रेनिंग, 3 साल से गायब, आतंकवादी की डायरी में फोटो... जिसका घर उड़ाया उस आसिफ की कहानी

आसिफ का घर उसी त्राल इलाके में है जहां आतंकी बुरहान वाणी रहता था. लगभग 1 साल पहले एनकाउंटर में एक आतंकी को सुरक्षाबलों ने मार गिराया था. उस आतंकी डायरी से आसिफ की तस्वीर हथियारों के साथ मिली थी. आसिफ ने साल 2017-18 में PoK में ट्रेनिंग ली थी. परिवार वालों ने भी स्वीकार किया कि वह पिछले तीन साल से घर नहीं आया.

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आतंकी आसिफ का घर जमींदोज कर दिया गया, आसिफ की एक तस्वीर आतंकवादियों की डायरी में मिली थी. आतंकी आसिफ का घर जमींदोज कर दिया गया, आसिफ की एक तस्वीर आतंकवादियों की डायरी में मिली थी.

अरविंद ओझा

  • कश्मीर ,
  • 25 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 1:29 PM IST

'आतंकियों की बची-खुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है... ' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार के मधुबनी में इस ऐलान के ठीक एक दिन बाद ही पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए निर्मम आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की हत्या में शामिल स्थानीय आतंकी आसिफ शेख के त्राल स्थित घर को जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बुलडोजर से जमींदोज कर दिया. वहीं दूसरे स्थानीय आतंकी आदिल हुसैन थोकर के अनंतनाग जिले के बिजबेहरा के गोरी इलाके में स्थित घर को सुरक्षा बलों ने बम से उड़ा दिया.

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स्थानीय आतंकी आसिफ शेख की कहानी उन युवाओं की तरह है, जिन्होंने गलत रास्ता चुना और अपने साथ-साथ अपने परिवार की जिंदगी भी तबाह कर दी. आसिफ शेख के घर आजतक पहुंचा. आसिफ का घर उसी त्राल इलाके में है जहां आतंकी बुरहान वानी रहता था. लगभग 1 साल पहले एनकाउंटर में सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को मार गिराया था. उस आतंकी की डायरी से आसिफ की तस्वीर मिली थी, जिसमें वह हाथों में हथियार लिए दिख रहा था. आसिफ ने साल 2017-18 में PoK में ट्रेनिंग ली थी.

परिवार वालों ने भी स्वीकारा

परिवार वालों ने भी स्वीकार किया कि वह पिछले तीन साल से घर नहीं आया. बताया जा रहा है कि  एक आतंकी शिविर में ट्रेनिंग लेकर वापस लौटने के बाद से ही वह गायब हो गया था, लेकिन उसकी गतिविधियां चुपचाप चलती रहीं, और फिर 22 अप्रैल को हुए भयावह हमले में उसका नाम खुलकर सामने आ गया. 

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पाकिस्तान भी गया 

वहीं दूसरे आतंकी आदिल ने 2018 में अटारी-वाघा बॉर्डर के जरिए वैध तरीके से पाकिस्तान की यात्रा की थी. अपने पाकिस्तान प्रवास के दौरान उसने टेरर कैम्प में ट्रेनिंग ली थी और पिछले साल जम्मू-कश्मीर लौटा था. पहलगाम हमले के कुछ चश्मदीदों ने बताया​ कि कुछ आतंकी आपस में पश्तून भाषा में बातचीत कर रहे थे. सूत्रों ने इस बात पर जोर दिया कि हमले में शामिल सभी आतंकवादी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के हैं. हालांकि द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने भी इस हमले की जिम्मेदारी ली है. उन्होंने कहा कि टीआरएफ लश्कर-ए-तैयबा का एक मुखौटा आतंकी संगठन है, जिसका इस्तेमाल हमले को एक स्वदेशी समूह के काम के रूप में दिखाने के लिए किया गया.

20 लाख का इनाम 

सुरक्षा एजेंसियों ने पहलगाम हमले में शामिल आतंकियों के स्केच भी जारी किए हैं. इन स्केच के जरिये उनकी पहचान करना और उनके ठिकानों तक पहुंचना थोड़ा आसान हो सकता है. अनंतनाग पुलिस ने एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि जो कोई भी इन आतंकियों की सही जानकारी देगा या उनकी पहचान करने में मदद करेगा, उसे 20 लाख रुपये का कैश रिवॉर्ड दिया जाएगा. जानकारी देने वालों की सूचना गुप्त रखी जाएगी. कैश रिवॉर्ड का ऐलान लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए किया गया है ताकि वे बिना किसी डर के पुलिस के साथ सहयोग कर सकें.

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 बॉडी कैमरा पहने हुए थे आतंकी 

सैन्य सूत्रों ने बताया कि स्टील टिप वाली गोलियों, एके-47 राइफलों और बॉडी कैमरा पहने हुए लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के चार आतंकवादियों के एक समूह ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों के बीच हिंदुओं को निशाना बनाया और उन पर गोलियों की बौछार कर दी. इस आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें से अधिकांश पर्यटक थे और भारत के अलग-अलग राज्यों से जम्मू-कश्मीर घूमने पहुंचे थे. आतंकवादियों में दो स्थानीय भी शामिल थे. दोनों स्थानीय आतंकियों की पहचान बिजबेहरा निवासी आदिल हुसैन थोकर और त्राल निवासी आसिफ शेख के रूप में हुई है.

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