केरल के कुंदरा में रेलवे ट्रैक पर टेलीफोन पोल रखने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी. रेलवे अधिकारियों को शनिवार तड़के सूचना मिली कि रेलवे ट्रैक पर एक टेलीफोन पोल पड़ा हुआ है. रात करीब 1:30 बजे नेडुंबयिकुलम में पुराने फायर स्टेशन के पास एक स्थानीय निवासी ने यह पोल देखा और तुरंत अधिकारियों को जानकारी दी. रेलवे कर्मचारियों ने समय रहते पोल को हटा दिया, जिससे किसी भी बड़ी दुर्घटना को टाला जा सका.
कैसे हुई गिरफ्तारी?
पुलिस ने इलाके के सीसीटीवी फुटेज की जांच की, जिसमें दो संदिग्ध नजर आए. इसके आधार पर राजेश (33) और अरुण (39) को गिरफ्तार किया गया. पूछताछ के दौरान उन्होंने स्वीकार किया कि वे पोल को तोड़कर उसका कास्ट आयरन चुराने की कोशिश कर रहे थे.
साजिश की आशंका से इनकार नहीं
पुलिस फिलहाल इसे चोरी का मामला मान रही है, लेकिन किसी अन्य साजिश की संभावना से इनकार नहीं कर रही है. दोनों आरोपियों का आपराधिक इतिहास भी है. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जांच अभी जारी है और आरोपियों से आगे पूछताछ की जा रही है.
रायबरेली के पास ट्रेन को पटरी से उतारने की कोशिश
पिछले दिनों रायबरेली में एक ट्रेन को पटरी से उतारने की कोशिश नाकाम कर दी गई थी. लोको पायलट ने पटरियों पर पत्थर रखे देखे और इमरजेंसी ब्रेक लगाया जिससे हादसा टल गया. कुछ अज्ञात लोगों ने पुल पर गार्ड रेल और रनिंग रेल के बीच (लगभग 450 मिमी की दूरी) पत्थर रख दिए थे. जब यशवंतपुर एक्सप्रेस लखनऊ की ओर से आ रही थी, तो लोको पायलट ने ट्रैक पर इन पत्थरों को देख लिया. संयोग से ट्रेन पहले ही रेड सिग्नल के कारण धीमी हो रही थी, जिससे लोको पायलट ने तुरंत इमरजेंसी ब्रेक लगा दिए और बड़ा हादसा होने से बच गया.
गौर करने वाली बात यह है कि पिछले कुछ महीनों में रेलवे ट्रैक पर ट्रेनों को पटरी से उतारने की साजिशें लगातार सामने आ रही हैं. कभी गैस सिलेंडर, कभी साइकिल, कभी भारी पत्थर, तो कभी लोहे के सरिए रेलवे पटरियों पर रखे मिले हैं. यह खतरा इसलिए भी गंभीर है, क्योंकि देश की बड़ी आबादी यात्रा के लिए ट्रेनों पर निर्भर करती है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि आखिर ट्रेनों को निशाना बनाने की यह साजिश कौन रच रहा है?
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