भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सदस्यता अभियान में अब तक 7 करोड़ सदस्य बन चुके हैं. पार्टी का लक्ष्य 15 अक्टूबर तक 9 करोड़ सदस्य बनाना है, जो कि 2014 में हासिल किए गए 11 करोड़ सदस्यों के आंकड़े को पार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. बिहार में बाढ़ के कारण 14 जिलों में सदस्यता अभियान को स्थगित कर दिया गया है, जिन्हें अब 24 अक्टूबर तक का समय दिया गया है. यह फैसला राज्य में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए लिया गया है, ताकि लोगों को सदस्यता लेने में कोई परेशानी न हो.
पार्टी के वरिष्ठ नेता के अनुसार, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, हरियाणा और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के कारण सदस्यता अभियान नहीं चल रहा है. इन राज्यों में लगभग 2 करोड़ सदस्य बनाने का अनुमान है, जो कि पार्टी के लक्ष्य को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. इस बार सदस्यता अभियान में डिजिटल प्रक्रिया अपनाई जा रही है, जिसमें मिस कॉल के बाद OTP आने के बाद डिजिटल रूप से पूरी डिटेल भरनी पड़ती है. यह प्रक्रिया पार्टी को सदस्यता के आंकड़ों को सटीक और पारदर्शी बनाने में मदद करेगी.
पार्टी के पास सदस्यता अभियान के बाद पक्का डेटा बैंक तैयार होगा, जो सक्रिय और विचार के प्रति मजबूत वोट बैंक का काम करेगा. इसके अलावा, सदस्यता लेने के बाद, केंद्र सरकार की योजनाओं की जानकारी सीधे मोबाइल नंबर पर भेजी जाएगी, जिससे लोगों को सरकार की योजनाओं का लाभ उठाने में मदद मिलेगी. पार्टी के नेताओं का कहना है कि सदस्यता अभियान के बाद पार्टी के पास डेडिकेटेड वोट बैंक तैयार होगा, जो आगामी चुनावों में पार्टी के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
यही वजह है कि पार्टी नेतृत्व सदस्यता अभियान पर लगातार समीक्षा कर रहा है. माइक्रो रूप से समीक्षा की जा रहीं हैं. किस-किस जाति, किस समुदाय और किस सम्प्रदाय से लोग सदस्य बन रहे हैं. लोकसभा, जिले, ब्लॉक, शक्ति केंद्र और बूथ तक समीक्षा हो रही है कि कहां सदस्य बन रहे हैं और कहां इसकी गति धीमी है. इसकी भी समीक्षा हो रही है कौन सांसद, कौन विधायक और किस जिले और ब्लॉक का नेता सदस्यता अभियान में अपनी महती भूमिका निभा रहा है और कौन सिर्फ खानापूर्ति कर रहा है. सूत्रों के अनुसार भविष्य में पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ाने और जन प्रतिनिधि बनाए जाने के उम्मीदवारी में ये सदस्यता अभियान मिल का पत्थर साबित होगा.
हिमांशु मिश्रा