नागरिकों के मौलिक कर्तव्यों का पालन सुनिश्चित कराने को लेकर SC ने मांगा केंद्र से जवाब

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने वकील दुर्गा दत्त द्वारा दायर जनहित याचिका पर केंद्र और राज्यों को नोटिस जारी किया जिसमें संविधान में निहित नागरिकों के मौलिक कर्तव्यों को लागू करने की मांग की गई है.

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सुप्रीम कोर्ट (File Pic) सुप्रीम कोर्ट (File Pic)

नलिनी शर्मा / संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 21 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 1:38 PM IST
  • केंद्र और राज्य सरकार को जारी किया नोटिस
  • मौलिक कर्तव्यों को लेकर मांगा केंद्र से जवाब

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने नागरिकों के मौलिक कर्तव्यों का पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश देने की जनहित याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. दुर्गा दत्ता द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है.

याचिका में कहा गया है कि मौलिक अधिकारों (Fundamental rights) के बारे में तो हर नागरिक बात करता है, लेकिन मौलिक कर्तव्यों (Fundamental duties) के पालन पर सरकारें और नागरिक दोनों उदासीन हैं. सरकारों को इस बाबत कदम उठाते हुए नागरिकों को कर्तव्यों के प्रति संवेदनशील बनाना चाहिए.

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सोमवार को इस याचिका पर न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई की. पीठ ने केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर जनहित याचिका पर जवाब मांगा है.

इस मामले में देश की सर्वोच्च अदालत ने लोगों को संवेदनशील बनाने और मौलिक कर्तव्यों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए उठाए गए कदमों पर केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा है. 

क्या है मौलिक कर्तव्य और मौलिक अधिकार में अंतर
मौक कर्तव्य और मौलिक अधिकार एक ही सिक्के के दो पहलू माने जाते हैं. मूल अधिकार और मूल कर्तव्य में अंतर यह भी है कि मूल अधिकार कोर्ट द्वारा बदले जा सकते हैं, लेकिन मूल कर्तव्य में किसी तरह का परिवर्तन नहीं हो सकता है. भारतीय संविधान में उल्लेखित मूल कर्तव्य प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी मानी जाती है. 

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