सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बोले रिया के वकील- ड्रग केस में अब नहीं रहा कोई दम

रिया चक्रवर्ती के वकील, सतीश मानेशिंदे ने दावा किया है कि रिया के खिलाफ ड्रग केस उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद अपना आधार खो चुका है, अब उसमें कोई दम नहीं रहा. बता दें कि शीर्ष अदालत ने गुरुवार को कहा कि एनडीपीएस की धारा 67 के तहत दर्ज कोई भी बयान अदालत के सामने इकबालिया बयान के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है और न ही ये कोर्ट में स्वीकार्य होगा.

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ड्रग्स से जुड़े केस में कई दिन जेल में गुजार चुकी हैं रिया चक्रवर्ती (फाइल फोटो) ड्रग्स से जुड़े केस में कई दिन जेल में गुजार चुकी हैं रिया चक्रवर्ती (फाइल फोटो)

मुनीष पांडे

  • मुंबई,
  • 29 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 11:43 PM IST
  • सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिया एक बड़ा फैसला
  • ड्रग केस में इकबालिया बयान को नहीं माना सबूत
  • ड्रग से जुड़े केसों में अब ठोस सबूत जुटाने होंगे

रिया चक्रवर्ती के वकील, सतीश मानेशिंदे ने दावा किया है कि रिया के खिलाफ ड्रग केस उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद अपना आधार खो चुका है, अब उसमें कोई दम नहीं रहा. बता दें कि शीर्ष अदालत ने गुरुवार को कहा कि एनडीपीएस की धारा 67 के तहत दर्ज कोई भी बयान अदालत के सामने इकबालिया बयान के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है और न ही ये कोर्ट में स्वीकार्य होगा. इससे पहले, एनडीपीएस एक्ट की धारा 67 के तहत कोई भी बयान अदालत के समक्ष स्वीकार्य था.

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गौरतलब है कि बॉलीवुड एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती को व्हाट्सएप चैट के आधार पर समन किया गया था और NDPS एक्ट की धारा 67 के तहत ही उनसे पूछताछ की गई थी. पूछताछ के 3 दिनों के बाद रिया को दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत को ड्रग्स उपलब्ध कराने के आरोप में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा गिरफ्तार किया गया था.

सतीश मानेशिंदे ने कहा, "एनडीपीएस अधिनियम की धारा 67 के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिया गया निर्णय एक ऐतिहासिक घोषणा है. पिछले 35 सालों में थर्ड डिग्री, जबरदस्ती और धमकियों का इस्तेमाल करके जबरन उगलवाए गए बयानों के आधार पर बड़ी संख्या में लोगों को कैद और दंडित किया गया है."

रिया चक्रवर्ती, जो सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में आत्महत्या के आरोपों का सामना कर रही हैं, बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा जमानत दिए जाने से पहले ड्रग मामले में लगभग एक महीने तक मुंबई जेल में रहीं. विशेषज्ञों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से रिया चक्रवर्ती के मामले में मदद मिलेगी क्योंकि उसके पास से कोई ड्रग्स जब्त नहीं की गई थी.

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सुप्रीम कोर्ट की तीन-न्यायाधीशों की एक पीठ ने दो-एक के मत से गुरुवार को एक आदेश पारित किया जिसमें कहा गया है कि एनडीपीएस एक्ट की धारा 67 के तहत दर्ज किए गए आरोपियों के बयानों को ट्रायल के दौरान इकबालिया बयान के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है.

रिया के वकील ने कहा, "सुशांत सिंह राजपूत ड्रग्स एंगल केस में सभी आरोपियों के मामले में भी मुश्किल से ही कोई जब्ती और ठोस सबूत हैं, जिससे उन पर गंभीर अपराधों के मामले लगें. लेकिन वे बेवजह के बयानों के आधार पर हिरासत में हैं."

सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर टिप्पणी करते हुए वकील मानेशिंदे ने आगे कहा कि न्यायमूर्ति रोहिंगटन नरीमन और नवीन सिन्हा द्वारा दिए गए इस निर्णय के बाद, बड़ी संख्या में अभियुक्त अब जेल के बाहर सांस ले सकेंगे.

 

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