सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस एएम खानविलकर भारत के अगले लोकपाल होंगे. सरकार से जुड़े उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ और लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी की उच्च स्तरीय समिति ने उनकी नियुक्ति पर मुहर लगा दी है.
जस्टिस खानविलकर 29 जुलाई, 2022 को सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्त हुए थे. उनकी अगुवाई में ही सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने PMLA अधिनियम में संशोधन को बरकरार रखते हुए महत्वपूर्ण निर्णय दिया था. पीठ ने प्रवर्तन निदेशालय की शक्तियों और अधिकार क्षेत्र को परिभाषित किया था. निदेशालय के किसी भी आरोपी को समन करने, गिरफ्तारी, तलाशी लेने सहित मुकदमे से संबंधी सामान की जब्ती के अधिकार को सही ठहराया था. इसके साथ ही ईडी अधिकारियों के सामने इकबालिया बयान का उपयोग करने के लिए भी व्यापक अधिकार दिए थे.
जस्टिस खानविलकर ने उस पीठ का भी नेतृत्व किया था, जिसने 2002 के गुजरात दंगों में तत्कालीन मुख्यमंत्री और निर्णय सुनाते समय देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दी थी. उसी मामले में प्रधानमंत्री मोदी को दंगा फसाद और हिंसा में फंसाने के लिए मनगढ़ंत सबूत पेश करने के लिए याचिकाकर्ता तीस्ता सीतलवाड पर सवाल भी उठाए थे. इसके बाद तीस्ता सीतलवाड़ को गिरफ्तार किया गया. हालांकि बाद में उन को जमानत पर रिहा किया गया.
जस्टिस खानविलकर ने उस पीठ का नेतृत्व भी किया था, जिसने कई आपत्तियां उठाने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं और पर्यावरणविदों द्वारा दायर याचिकाओं को खारिज करते हुए सेंट्रल विस्टा और नए संसद भवन के निर्माण का रास्ता साफ कर दिया था.
संजय शर्मा