Rapid Rail: दिल्ली-मेरठ रूट पर कब से शुरू होगी रैपिड ट्रेन? यहां देखें आधिकारिक जानकारी

रैपिड रेल साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किलोमीटर रूट पर होने वाली है, जो मार्च 2023 में शुरू हो जाएगी. दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर रैपिड रेल को 2025 तक पूरी तरह ऑपरेशनल कर दिया जाएगा.

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Rapid train (File Photo) Rapid train (File Photo)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 12 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 4:40 PM IST

देश को जल्द ही रैपिड ट्रेन मिलने वाली है. दिल्ली से मेरठ तक शुरू होने वाली रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के पहले चरण की शुरुआत मार्च 2023 से होने वाली है. आनंद विहार बस अड्डा परिसर में दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के भूमिगत हिस्से के निर्माण कार्य का निरीक्षण करने पहुंचे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) के एमडी विनय कुमार सिंह ने इस बात की जानकारी दी.

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सबसे पहले इसकी शुरुआत साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किलोमीटर रूट पर होने वाली है, जो मार्च 2023 में शुरू हो जाएगी. दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर रैपिड रेल को 2025 तक पूरी तरह ऑपरेशनल कर दिया जाएगा. हालांकि, इससे पहले कम दूरी के बीच ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया जाएगा. शुरुआत में ट्रेन का सफर साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किमी का होगा. प्रोजेक्ट जैसे-जैसे पूरा होगा, ये दूरी बढ़ती चली जाएगी.

एमडी विनय कुमार सिंह ने कहा कि दिल्ली, गाजियाबाद और मेरठ को जोड़ने वाले 82 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) का काम चल रहा है. निर्माण चुनौतीपूर्ण है लेकिन दी गई समय सीमा से पहले हम अपनी परियोजना को पूरा कर लेंगे और जल्द ही इसका होगा ट्रायल रन शुरू हो जाएगा.

इस कॉरिडोर पर ट्रेनें अधिकतम 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकेंगी. हालांकि, इनकी औसत रफ्तार 100 किमी प्रति घंटे की होगी. 6 कोच वाली इस ट्रेन का लुक बिलकुल बुलेट ट्रेन की तरह है. हालांकि, साइड से यह मेट्रो की तरह नजर आती है. इस कॉरिडोर की कुल लंबाई 82 किमी है, जिसमें से 14 किमी का हिस्सा दिल्ली में है जबकि 68 किमी का हिस्सा उत्तर प्रदेश में. पूरी तरह बनने के बाद दिल्ली से मेरठ की यात्रा करने में महज 50 मिनट का समय लगेगा.

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दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर परियोजना का मकसद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की भीड़भाड़ को कम करना है. इसके अलावा, वाहनों के यातायात और वायु प्रदूषण को पर लगाम कसना और संतुलित क्षेत्रीय विकास सुनिश्चित करना है.

 

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