कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बयान दिया है, उनकी मुश्किल बढ़ती जा रही है. पहले उनकी गिरफ्तारी हुई और अभी भी मामला कोर्ट में चल रहा है. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर सुनवाई हुई है. उस सुनवाई के दौरान पवन खेड़ा को इतनी राहत जरूर मिल गई है कि 17 मार्च तक उनकी गिरफ्तारी नहीं होगी. अगली सुनवाई भी 17 मार्च को ही होने वाली है.
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान असम और यूपी सरकार का पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हमने जवाबी हलफनामा दाखिल कर दिया है. रजिस्ट्री को हलफनामा सौंप दिया गया है. याचिकाकर्ता को भी उसकी कॉपी भिजवा दी जाएगी. वहीं दूसरी तरफ अभियोजन पक्ष यानी उत्तर प्रदेश और असम पुलिस के जवाबी हलफनामे में कहा गया है कि दावे के मुताबिक पवन खेड़ा ने माफी नहीं मांगी थी. ये एक अपराधिक कृत्य था.
इस मामले में पवन खेड़ा ने मांग की थी कि उनके खिलाफ जितनी भी शिकायतें दर्ज हुईं, उन्हें एक ही जगह पर शिफ्ट कर दिया जाए. जानकारी के लिए बता दें कि कुछ दिन पहले पवन खेड़ा ने पीएम मोदी को लेकर एक विवादित बयान दिया था. पवन खेड़ा ने कुछ दिन पहले गौतम अडानी के मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. इस दौरान उन्होंने कहा था, अगर अटल बिहारी वाजपेयी जेपीसी बना सकते हैं तो नरेंद्र 'गौतम दास' मोदी को क्या दिक्कत है? हालांकि बयान देने के बाद खेड़ा ने अपने आसपास मौजूद लोगों से पूछा कि क्या उन्होंने प्रधानमंत्री का मिडिल नेम सही पुकारा है? खेड़ा ने इस पर कहा कि 'नरेंद्र गौतम दास मोदी को क्या समस्या है?' कांग्रेस नेता ने बाद में पूछा, 'क्या यह गौतम दास या दामोदर दास है?' इस दौरान पवन हंसते हैं और यह कहते हुए तंज करते हैं कि भले ही नाम दामोदर दास है, लेकिन उनके काम गौतम दास के समान हैं.
संजय शर्मा