भारतीय रेलवे को 171 साल पूरे हो चुके हैं. 16 अप्रैल 1853 को मुंबई और ठाणे के बीच पहली ट्रेन चली थी. रेलवे ने सोमवार,, 15 अप्रैल को स्थापना के 171 साल पूरे होने का जश्न मनाया. इस मौके पर रेलवे अधिकारियों ने रेलवे की उपलब्धियां बताईं. अधिकारियों ने कहा कि पिछले कुछ सालों में रेलवे की यात्रा शानदार रही है क्योंकि इसने देश के लगभग हर कोने को कवर करने के लिए अपने नेटवर्क का सफलतापूर्वक विस्तार किया है और आज वंदे भारत आधुनिकीकरण नेटवर्क की एक नई पहचान बन गई है.
वंदे भारत से अब तक दो करोड़ से ज्यादा यात्रियों ने किया सफर
वंदे भारत की उपलब्धि के नाम पर अधिकारियों ने कहा कि भारत की पहली सेमी-हाई स्पीड रेल सेवा, वंदे भारत ट्रेनों से इस साल 31 मार्च तक दो करोड़ से अधिक यात्रियों ने सफर किया. पहली वंदे भारत ट्रेनें को 15 फरवरी, 2019 को हरी झंडी दिखाई गई थी, जो दिल्ली और वाराणसी के रूट पर दो ट्रेनों का पहला सेट था.
24 राज्यों को कवर कर रहीं 102 वंदे भारत ट्रेनें
रेलवे की ओर से शेयर किए गए आंकड़ों के अनुसार, पांच साल पहले एक रूट पर दो ट्रेनों से शुरू होकर, आज 102 वंदे भारत ट्रेनें 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 284 जिलों को कवर कर रही हैं. ये ट्रेनें 100 मार्गों पर अपनी सेवाएं दे रही हैं. अधिकारी ने कहा, "वित्तीय वर्ष 2023-24 में वंदे भारत ट्रेनों द्वारा तय की गई दूरी हमारे ग्रह के 310 चक्कर लगाने के बराबर है. वंदे भारत कई विश्व स्तरीय यात्री सुविधाएं प्रदान करती है. ये एक नए जमाने की ट्रेन है.
हवाई जहाज के समानांतर सुविधाएं
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर की मेक-इन-इंडिया पहल इस स्वदेशी सेमी-हाई स्पीड ट्रेन के साथ पूरी हुई, जिसने यात्रियों, विशेषकर युवाओं के बीच लोकप्रियता हासिल की है. अधिकारी ने कहा कि यात्रियों का डेटा इसकी लोकप्रियता के बारे में बताता है. 15 फरवरी, 2019 को लॉन्च होने के बाद से, दो करोड़ से अधिक यात्रियों ने इसमें यात्रा की है क्योंकि यह हवाई जहाज के समानांतर सुविधाएं प्रदान करता है.
बता दें कि रेलवे अधिक वंदे भारत ट्रेनों के साथ-साथ इसके स्लीपर वर्जन को भी लॉन्च करने की तैयारी में है. हाल ही में, रेल मंत्री ने बेंगलुरु स्थित रेल इकाई का दौरा किया और स्लीपर संस्करण की बॉडी संरचना का उद्घाटन किया.
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