Omicron: चार राज्य-पांच केस... भारत में धीरे-धीरे पैर पसार रहा कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट

बीते 2 साल के दौरान कोरोना वायरस (Corona Virus) की पहली और दूसरी लहर में हजारों लोग काल के गाल में समा गए. इस वायरस के भयानक तांडव के चलते अपनों को खो देने वाले अभी इस दुख से उबरे भी नहीं थे कि कोविड का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) डराने  लगा है. अब तक भारत में इसके 5 मामले रिपोर्ट किए गए हैं.

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Omicron Omicron

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 05 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 1:26 PM IST
  • भारत में बढ़ रहे ओमिक्रॉन के मामले
  • Omicron के खिलाफ हाइब्रिड इम्युनिटी प्रभावी

बीते 2 साल के दौरान कोरोना वायरस (Corona Virus) की पहली और दूसरी लहर में हजारों लोग काल के गाल में समा गए. इस वायरस के भयानक तांडव के चलते अपनों को खो देने वाले अभी इस दुख से उबरे भी नहीं थे कि कोविड का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) डराने  लगा है. अब तक भारत में इसके 5 मामले रिपोर्ट किए गए हैं. इसमें 1 गुजरात के जामनगर से, 1 महाराष्ट्र के डोंबीवली, 2 कर्नाटक के बेंगलुरु और 1 मरीज दिल्ली में पाया गया है. हालांकि इन लोगों का इलाज जारी है, लेकिन जिस तेजी से कोरोना घर-घर पहुंचा था, उस तरह ओमिक्रॉन की कल्पना से भी रौंगटे खड़े हो जा रहे हैं.

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इस नए वैरिएंट के मद्देनजर केंद्र और राज्य सरकारें खासा सतर्क हो गई हैं. इसके लिए तैयारियों को लेकर कुछ बैठकें भी हो चुकी हैं. मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना नियमों को लेकर सख्ती बढ़ने लगी हैं. हालांकि फिलहाल लॉकडाउन की कोई संभावना नहीं दिखाई पड़ रही है.

 'डेल्टा और बीटा की तुलना में तीन गुना ज्यादा रिइंफेक्शन'

ओमिक्रॉन सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में पाया गया और अब दुनिया भर में पांव पसार रहा है. इसको लेकर दक्षिण अफ्रीका के शुरुआती डेटा के आधार पर गुरुवार को एक रिपोर्ट जारी हुई है जिसमें ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर कई बातें सामने आई हैं. इस खास स्टडी को मेडिकल प्री प्रिंट सर्वर पर अपलोड कर दिया गया है. हालांकि, इसकी समीक्षा अभी नहीं हुई है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट डेल्टा और बीटा की तुलना में तीन गुना ज्यादा रिइंफेक्शन फैला सकता है. यानी जो लोग कोविड-19 से पहले संक्रमित हो चुके हैं, उनके भी फिर से इंफेक्ट होने का खतरा है.

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'Omicron के खिलाफ हाइब्रिड इम्युनिटी प्रभावी'

विशेष रूप से एएनआई से बात करते हुए, टाटा इंस्टीट्यूट फॉर जेनेटिक्स एंड सोसाइटी के निदेशक और पूर्व प्रमुख वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान-सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी से जुड़े डॉ राकेश मिश्रा ने नए वैरिएंट पर हाइब्रिड इम्युनिटी की प्रभावशीलता के बारे में कहा, परिणाम बताते हैं कि नए वैरिएंट के खिलाफ हाइब्रिड इम्युनिटी प्रभावी होगी. इन चीजों का साइंटिफिक वेरिफिकेशन हो रहा है.

उन्होंने कहा कि लोग स्यूडोवायरस और उन चीजों को लैब में बनाने के लिए एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं. इसलिए मुझे लगता है कि इसमें लगभग 10 दिन से लेकर दो सप्ताह तक लगेंगे. लेकिन मेरा मानना है कि यह सुरक्षात्मक होना चाहिए, शायद थोड़ा कम, लेकिन टीका निश्चित रूप से काफी हद तक मददगार होगा. ओमिक्रॉन का असर बड़े शहरों में लेकिन कम से कम से लक्षणों के साथ दिख सकता है.

क्या होती है हाइब्रिड इम्युनिटी?
 
वायरस के खिलाफ तीन तरह की इम्युनिटी होती है- संक्रमण से आने वाली नैचुरल इम्युनिटी, वैक्सीन से आने वाली वैक्सीन इम्युनिटी और तीसरी हाइब्रिड इम्युनिटी, (इसमें पहले से संक्रमित व्यक्ति को भी टीका लग जाता है). डॉ मिश्रा ने टीकाकृत आबादी पर हाइब्रिड प्रतिरक्षा के प्रभाव के बारे में कहा कि इससे भारतीय टीकों के साथ-साथ लोगों को भी सुरक्षा मिलने की संभावना है. हालांकि, कोवैक्सिन और कोविशील्ड से बनने वाली इम्युनिटी एक समान नहीं होगी. 
 

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