Indian Railways News: उत्तर रेलवे ने कुल 205.03 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल किया है. यह राजस्व रेलवे ने कबाड़ और अन्य संपत्तियां बेच कर हासिल की है. रेल परिसरों और पटरियों के किनारे पड़े कबाड़ बेचकर राजस्व हासिल करने के मामले में नॉदर्न रेलवे पहले स्थान पर है. उत्तर रेलवे के बाद दूसरे स्थान पर पश्चिम रेलवे ने 17.70 करोड़ तीसरे स्थान पर रही मध्य रेलवे पर 18.32 करोड़ रुपये की कमाए हैं.
किस मंडल ने कमाएं कितने रुपये
कबाड़ बेचकर अंबाला मंडल ने 31.47 करोड़, दिल्ली मंडल 115.70 करोड़, फ़िरोज़पुर मंडल ने 29.08 करोड़, लखनऊ मंडल ने 11.51 करोड़, मुरादाबाद मंडल ने 17.26 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल किया.
इन कबाड़ को बेचकर रेलवे कमाता है बढ़िया मुनाफा
रेलवे लाइन के निकट रेल पटरी के टुकडों, स्लीपरों, टाइबार जैसे कबाड़ यानी स्क्रैप के कारण सुरक्षा संबंधी जोखिम की संभावना रहती है. वहीं, पानी की टंकियों, केबिनों, क्वार्टरों के दुरुपयोग की संभावना भी रहती है. इसलिए बेकार पड़े कबाड़ को बेचकर रेलवे पैसा कमाता है. उत्तर रेलवे बड़ी संख्या में जमा किए गए स्क्रैप पीएससी स्लीपरों का निपटान करता है, ताकि रेलवे भूमि को अन्य गतिविधियों और राजस्व आय के लिए उपयोग किया जा सकें.
साल 2021 में भी था पहला स्थान
बता दें कि साल 2021 में उत्तर रेलवे ने कबाड़ बेचकर 227.71 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल किया था. उत्तर रेलवे तब भी स्क्रैप बिक्री के मामले में भारतीय रेलवे और सार्वजनिक उपक्रमों में टॉप पर था. हालांकि, इस बार आंकड़ें में कमी आई है फिर भी कबाड़ बेचकर राजस्व हासिल करने उत्तर रेलवे पहले स्थान पर काबिज है.
वरुण सिन्हा