नर्स बनकर आईं और ब्लड टेस्ट के बहाने अस्पताल से चुराया बच्चा... CCTV में कैद हुई घटना

कर्नाटक के कालाबुरगी के जिला अस्पताल में नर्स की यूनिफॉर्म में एक नवजात के परिवार के पास आई संदिग्धों महिलाओं ने बच्चे को चुरा लिया. उन्होंने परिवार से कहा कि बच्चे का एक ब्लड टेस्ट होना है. परिवार ने बच्चे दे दिया लेकिन वह उसे लेकर भाग गईं.

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अस्पताल में घुसी फर्जी नर्सों ने चुराया बच्चा अस्पताल में घुसी फर्जी नर्सों ने चुराया बच्चा

सगाय राज

  • कलबुर्गी,
  • 26 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 10:44 AM IST

कर्नाटक के कालाबुरगी में हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां के जिला अस्पताल से फर्जी नर्सों ने नवजात का अपहरण कर लिया. यहां खुद को नर्स बताने वाली दो महिलाओं ने एक नवजात बच्चे को किडनैप कर लिया.
 
25 नवंबर की सुबह 4 बजे अस्पताल के वार्ड 115 में कस्तूरी के घर बच्चे का जन्म हुआ. तभी अस्पताल के कर्मचारियों की यूनिफॉर्म में परिवार के पास आई संदिग्धों महिलाओं ने कहा कि उन्हें बच्चे को ब्लड टेस्ट के लिए ले जाना होगा. परिवार ने बच्चा दे दिया लेकिन वह उसे कभी वापस लाई ही नहीं. परेशान माता-पिता, रामकृष्ण और कस्तूरी, सैयद चिंचोली गांव के रहने वाले हैं. ब्रह्मपुर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर लिया गया है और अधिकारी घटना की जांच कर रहे हैं.

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अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज में महिलाएं नवजात को लेकर अस्पताल से बाहर भागती दिख रही हैं. फुटेज में दोनों में से एक महिला ने चेहरे पर मास्क लगाया हुआ है जबकि दूसरी बच्चे को गोद में लिए दिख रही है. दोनों कुछ देर के लिए अस्पताल की लॉबी में बात करती दिख रही हैं.

बता दें कि अस्पताल से बच्चा चोरी का ये कोई पहला मामला नहीं है बल्कि ऐसे कई रैकेट चल रहे हैं. इसी साल दिल्ली के केशव पुरम इलाके में सीबीआई और पुलिस की टीम ने एक घर में छापा मारा था. दो दिनों तक चली रेड के बाद सीबीआई ने मानव तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए 7 से 8 नवजात बच्चों को रेस्क्यू किया था. उनकी उम्र 10 साल से कम थी. इसमें एक नवजात की उम्र तो महज 36 घंटे थी, जबकि दूसरे की उम्र 15 दिन .

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सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि जांच से पता चला कि आरोपी फेसबुक पेज और व्हाट्सएप ग्रुप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन देते थे. इसके जरिये वे बच्चे गोद लेने के इच्छुक निःसंतान दंपतियों से जुड़ते थे. आरोपी वास्तविक माता-पिता के साथ-साथ कथित तौर पर सरोगेट माताओं से भी बच्चे खरीदते थे. इसके बाद आरोपी नवजात बच्चों को 4 से 6 लाख रुपये में बेच देते थे. आरोपी कथित तौर पर गोद लेने से संबंधित फर्जी दस्तावेज बनाकर कई निःसंतान दंपतियों से लाखों रुपये की ठगी करने में भी शामिल रहे हैं.

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