New Parliament Building Inauguration: प्रधानमंत्री मोदी ने आज नए संसद भवन का उद्घाटन कर दिया है. इस उद्घाटन कार्यक्रम का कई विपक्षी दलों ने विरोध किया और इसका बहिष्कार किया. तमिलनाडु के अधीनम संतों ने पूरे विधि-विधान के साथ अनुष्ठान कराया. पूजा में प्रधानमंत्री मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला बैठे थे. धार्मिक अनुष्ठान के बाद अधीनम संतों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सेंगोल सौंपा जिसे नए संसद भवन में स्थापित कर दिया गया है. वहीं दूसरे चरण में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के संदेश को राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण को पढ़ा. उसके बाद लोकसभा स्पीकर ने अपनी बात रखी और फिर प्रधानमंत्री मोदी ने नए संसद भवन से पहली बार संबोधित किया.
नए संसद भवन में अपने भाषण को खत्म करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई सीनियर नेताओं के साथ बातचीत की, जिनमें पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी शामिल हैं. उसके बाद वह नए संसद परिसर से चले गए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन में संबोधित करते हुए कहा कि यह भवन आधुनिक सुविधाओं और नवीनतम उपकरणों से सुसज्जित है. इसने 60,000 से अधिक मजदूरों को रोजगार दिया है. हमने उनकी कड़ी मेहनत का सम्मान करने के लिए एक डिजिटल गैलरी बनाई है.
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अपने नौ साल की सरकार का रिपोर्ट कार्ड भी पेश किया. उन्होंने कहा कि अगर कोई एक्सपर्ट बीते नौ साल का आकलन करे तो पाएगा कि ये 9 साल भारत में नवनिर्माण के रहे हैं. गरीब कल्याण के रहे हैं. आज हमें संसद की नई इमारत के निर्माण का गर्व है. मुझे नौ साल में गरीबों के चार करोड़ बनने का भी संतोष है. आज जब हम इस भव्य इमारत को देखकर अपना सिर ऊंचा कर रहे हैं तो मुझे बीते नौ साल में बने 11 करोड़ शौचालयों का भी संतोष हैं, जिन्होंने महिलाओं की गरिमा की रक्षा की, उनका सिर ऊंचा कर दिया. आज जब हम सुविधाओं की बात कर रहे हैं बीते नौ साल में गांवों को जोड़ने के लिए चार लाख किमी से ज्यादा सड़कों का निर्माण किया. आज हम ईको फ्रेंडली इमारत को देखकर खुश हैं, हमने पानी की एक-एक बूंद बचाने के लिए 50 हजार से ज्यादा अमृत सरोवरों का निर्माण किया है. आज जब हम उत्सव मना रहे हैं कि हमने नई संसद भवन का निर्माण किया है तो हमने देश में 30 हजार से ज्यादा नए पंचायत भवन भी बनाए हैं. यानी पंचायत भवन से लेकर संसंद भवन तक हमारी निष्ठा एक ही है. हमारी प्रेरणा एक ही है. देश का विकास, देश के लोगों का विकास.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत न सिर्फ लोकतंत्र का सबसे बड़ा देश है. बल्कि मदर ऑफ डेमोक्रेसी भी है. यह वैश्विक लोकतंत्र की नींव भी है. लोकतंत्र हमारा 'संस्कार', विचार और परंपरा है.
संसद की नई इमारत इस प्रयास का जीवंत प्रतीक बनी है. आज नए संसद भवन को देखकर हर भारतीय गौरव से भरा हुआ है. इस भवन में विरासत भी है, वास्तु भी, कला भी है, कौशल भी है. इसमें संस्कृति भी, संविधान के स्वर भी. आप देख रहे हैं कि लोकसभा का आंतरिक हिस्सा राष्ट्रीय पक्षी मोर पर आधारित है. राज्यसभा का हिस्सा राष्ट्रीय फूल कमल पर आधारित है और संसद के प्रांगण में राष्ट्रीय वृक्ष बरगद भी है. हमारे देश में अलग-अलग हिस्सों की विविधता इस नए भवन में उनसबको समाहित किया है.
पीएम ने कहा कि हमारा संविधान ही हमारा संकल्प है. जो रुक जाता है, उसका भाग्य भी रुक जाता है. जो चलता रहता है, उसका भाग्य भी चलता रहता है. इसलिए चलते रहो. गुलामी के बाद हमारे भारत ने बहुत कुछ खोकर अपनी नई यात्रा शुरू की थी. वो यात्रा कितने ही उतार-चढ़ाव से होते हुए, कितनी ही चुनौतियों को पार करते हुए आजादी के अमृतकाल में प्रवेश कर चुकी है.
पीएम मोदी ने कहा कि चोल साम्राज्य में यही सेंगोल कर्तव्य पथ, सेवा पथ, राष्ट्र पथ का प्रतीक माना जाता था. राजाजी के मार्गदर्शन में यही सेंगोल सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक बना था. तमिलनाडु से विशेष तौर पर आए हुए अधीनम के संत आज सुबह संसद में हमें आशीर्वाद के लिए उपस्थित थे. उनके ही मार्गदर्शन में यह पवित्र सेंगोल स्थापित हुआ है.
पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि नए रास्तों पर चलकर ही नए कीर्तिमान गढ़े जाते है. नया भारत नए लक्ष्य तय कर रहा है. नया जोश है, नया उमंग है, नया सफर है. नई सोच है, दिशा नई है, दृष्टि नई है. संकल्प नया है, विश्वास नया है.
देश की यात्रा में कुछ क्षण ऐसे आते हैं, जो हमेशा के लिए अमर हो जाते हैं. कुछ तारीखें, समय के ललाट पर इतिहास का अमिट हस्ताक्षर बन जाती हैं. आज ऐसा ही अवसर है. देश आजादी के 75 वर्ष होने पर अमृत महोत्सव मना रहा है. आज सुबह ही संसद परिसर में सर्वपंथ प्रार्थना हुई है. मैं सभी देशवासियों को भारतीय लोकतंत्र के इस स्वर्णिम क्षण की बधाई देता हूं. ये सिर्फ एक भवन नहीं, 140 करोड़ भारतवासियों की आकांक्षाओं और सपनों का प्रतिबिंब है. ये विश्व को भारत के दृढ़ संकल्प का संदेश देता हमारे लोकतंत्र का मंदिर है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय डाक विभाग के स्मारक डाक टिकट जारी किया. इसके बाद उन्होंने भारतीय वित्त विभाग द्वारा तैयार किए गए 75 रुपये का सिक्का जारी किया.
नए संसद भवन के उद्घाटन पर लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि पूरा देश आज इस पल का गवाह बन रहा है. मैं पीएम मोदी के प्रति आभार व्यक्त करता हूं जिनके नेतृत्व में 2.5 साल के भीतर इस नई संसद का निर्माण हुआ. बिड़ला ने कहा कि नए वातावरण में नए विचारों का सृजन होगा. ऐसा मेरा विश्वास है. यह भवन ऊर्जा संरक्षण, जल संरक्षण, ग्रीन वातावरण, कला संस्कृति, वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण है. इस भवन में प्रत्येक भारतीय को अपने राज्य की संस्कृति की झलक दिखेगी. उन्होंने कहा कि हम संसद में जब नए भवन में प्रवेश करें तो नए संकल्प के साथ. हम लोकतंत्र की नई परंपराओं को आगे बढ़ाएं. हम गरिमा के नए मानदंड स्थापित करें.
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संदेश पढ़ा. उन्होंने कहा कि इस बात का संतोष है कि नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं. संसद का नया भवन नीतियों के माध्यम से हासिए पर पड़े हुए लोगों समेत सभी देशवासियों की आवश्यकताओं का सक्रियता से समाधान सुनिश्चित करेगा. ये लोकतंत्र का पालना है. हमारा देश लोकतांत्र के वैश्विक फैलाव के संरक्षण में सहायक रहा है.
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण नए संसद भवन के उद्घाटन पर उपराष्ट्रपति का संदेश पढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि नया संसद भवन सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है. गौरवशाली भवन नया इतिहास लिखेगा. नई संसद गुलामी की मानसिकता से मुक्ति का प्रतीक है. देश के हर कोने से लाई गई संस्कृति की भव्यता है.
नए संसद भवन में शॉर्ट मूवी 'संसद का नव निर्मित भवन' की स्क्रीनिंग की जा रही है. इसके बाद सेंगोल पर बनी शॉर्ट फिल्म की स्क्रीनिंग होगी.
देश के नए संसद भवन के उद्घाटन पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी ने नई संसद को राष्ट्र को समर्पित कर दिया है. यह भवन न केवल वह स्थान है जहां लोगों की आकांक्षाएं फलीभूत होंगी, बल्कि अमृत काल में हर क्षेत्र में उत्कृष्टता की दिशा में भारत की यात्रा की शुरुआत का प्रतीक भी है.
इस दौरान हरिवंश नारायण ने कहा कि यह जीवंत लोकतंत्र के लिए गर्व का क्षण है. नया संसद भवन वास्तुकला का उदाहरण है और नई संसद में बैठने की जगह ज्यादा है. इस दौरान हरिवंश नारायण ने कहा कि यह बेहद खुशी की बात है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में 2.5 साल से भी कम समय में एक नई आधुनिक संसद का निर्माण किया गया.
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम मोदी, लोकसभा अध्यक्ष समेत सभी अतिथियों का स्वागत किया. इससे पहले पीएम मोदी, लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के उपसभापति की उपस्थिति में राष्ट्रगान किया गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन के उद्घाटन के दूसरे चरण में पहुंच गए हैं. इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला और राज्यसभा के उपसभापति ने उनका स्वागत किया. सभी गैस्ट लोकसभा में मौजूद हैं, जिसमें सभी तीनों सेनाओं के प्रमुख भी मौजूद हैं.
नए संसद भवन की लोकसभा में सभी सांसद और केंद्रीय मंत्री बैठ गए हैं. कुछ ही देर में पीएम मोदी पहुंच जाएंगे. थोड़ी देर में लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला, पीएम मोदी और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश संबोधित करेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन का लोकार्पण करने के बाद ट्वीट कर कहा है कि आज का दिन हम सभी देशवासियों के लिए अविस्मरणीय है. उन्होंने अपने ट्वीट में आगे कहा कि संसद का नया भवन हम सभी को गर्व और उम्मीदों से भर देने वाला है. मुझे पूरा विश्वास है कि यह दिव्य और भव्य इमारत जन-जन के सशक्तिकरण के साथ ही, राष्ट्र की समृद्धि और सामर्थ्य को नई गति और शक्ति प्रदान करेगी.
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने नए संसद भवन के पीएम मोदी के हाथों लोकार्पण को देश के लोकतांत्रिक इतिहास का महत्वपूर्ण पल बताया है. लोकसभा स्पीकर ने ट्वीट कर कहा है कि लोकतंत्र का यह नया मंदिर एकता, अखंडता, समता, न्याय और बंधुत्व की भावना को सशक्त करते हुए हम सभी के लिए देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की प्रेरणा बनेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक सेंगोल को नए संसद भवन में स्थापित कर दिया है. पीएम मोदी ने तमिलनाडु से आए अधीनम संतों के मंत्रोच्चार के बाद सेंगोल को लोकसभा में स्पीकर की चेयर के पास स्थापित किया. इसके बाद उन्होंने नए संसद भवन का उद्घाटन किया.
देश के नए संसद भवन के उद्घाटन पर लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला, पीएम मोदी और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश संबोधित करेंगे. पीएम मोदी 12 बजे संसद भवन पहुंचेंगे, जिसके बाद राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश सभी का स्वागत करेंगे. इस दौरान 'संसद का नव निर्मित भवन' शॉर्ट फिल्म की स्क्रीनिंग की जाएगी. इसके बाद सेंगोल पर बनी शॉर्ट फिल्म की स्क्रीनिंग होगी.
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का संदेश राज्यसभा के डिप्टी स्पीकर द्वारा सुनाया जाएगा. लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला के संदेश के बाद पीएम मोदी दोपहर 12.40 बजे 75 रुपये का सिक्का और स्टाम्प जारी करेंगे. इस दौरान पीएम मोदी नई संसद में संबोधित भी करेंगे. पीएम मोदी तीन ग्रुप के साथ फोटो सेशन भी करेंगे. जिनमें श्रमजीवी (75), हाउसिंग मंत्रालय और CPWD अधिकारियों (60) और टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड (61) शामिल हैं.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नए संसद भवन के उद्घाटन को ऐतिहासिक क्षण बताते हुए देशवासियों को बधाई दी है. सीएम योगी ने लिखा, "ऐतिहासिक क्षण! 'नए भारत' की आशाओं, अपेक्षाओं और अभिलाषाओं की पूर्ति का प्रतीक, वैभवशाली, गौरवशाली व प्रेरणादायी नए संसद भवन को आज आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी ने राष्ट्र को समर्पित किया है. सभी देश वासियों को हार्दिक बधाई!"
नई संसद में सर्वधर्म सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सभी कैबिनेट मंत्री और अन्य राज्यों के सीएम समेत कई प्रतिष्ठित लोग मौजूद हैं. इस सर्वधर्म सभा में बौद्ध, जैन, पारसी, सिख समेत कई धर्मों के धर्मगुरु ने अपनी-अपनी प्रार्थनाएं कीं.
देश की नई संसद का उद्घाटन होने के बाद पार्लियामेंट परिसर में सर्वधर्म सभा का आयोजन किया गया. जिसमें अलग-अलग धर्मों के विद्धानों और गुरुजनों ने अपने धर्म के बारे में विचार रखें और पूजा की. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला और पूरी केंद्रीय कैबिनेट मौजूद रही.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन के उद्घाटन के बाद भवन के निर्माण में काम करने वाले श्रमिकों को सम्मानित किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन कर दिया है. इससे पहले पीएम मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला पूजा पर बैठे थे. तमिलनाडु से आए अधीनम संतों ने धार्मिक अनुष्ठान के बाद पीएम मोदी को सेंगोल सौंपा था, जिसे पीएम मोदी ने नई संसद के लोकसभा भवन में स्थापित कर दिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धार्मिक अनुष्ठान के बाद सेंगोल को नए संसद भवन के लोकसभा में स्थापित कर दिया है.
संसद भवन में सेंगोल की स्थापना के बाद पीएम मोदी ने तमिलनाडु के विभिन्न अधीनम संतों का आशीर्वाद प्राप्त किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला नई संसद भवन के उद्घाटन के लिए हो रहे हवन-पूजा में बैठे हैं. यह हवन-पूजा कार्यक्रम करीब एक घंटे तक चलेगा. तमिलनाडु से आए अधीनम संत मंत्रोच्चार के साथ हवन की विधि पूरी कर रहे हैं. पूजा कार्यक्रम के बाद अधीनम पीएम मोदी को सेंगोल सौंपेंगे, जिसे संसद भवन में स्थापित किया जाएगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद भवन पहुंच गए हैं. तमिलनाडु के अलग-अलग मठों से आए अधीनम यहां पहले ही पहुंच चुके हैं. थोड़ी ही देर में यहां हवन-पूजन शुरू हो जाएगा, जिसके बाद पीएम नई संसद को देश को सौंपेंगे.
देश के नए संसद भवन के निर्माण के लिए देशभर से अनोखी सामग्रियों को जुटाया गया है. जैसे नागपुर से सागौन की लकड़ी, राजस्थान के सरमथुरा से सैंडस्टोन, यूपी के मिर्जापुर की कालीन, अगरतला से बांस की लकड़ी और महाराष्ट्र के औरंगाबाद और जयपुर से अशोक प्रतीक को मंगवाया गया है.
पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें- इंदौर का अशोक चक्र, राजस्थान का संगमरमर... जानें नई संसद के लिए कहां-कहां से लाई गईं नायाब चीजें
केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर कहा कि ये एक ऐतिहासिक दिन है जब प्रधानमंत्री देश को एक नया और आधुनिक संसद भवन समर्पित करेंगे. मैं सभी भारतीयों की इच्छाओं को पूरा करने के लिए पीएम का आभार व्यक्त करता हूं. हमें इस पल पर गर्व होना चाहिए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह पर 75 रुपये का नया सिक्का भी जारी करेंगे. सिक्के पर नए संसद भवन का चित्र होगा. संसद की तस्वीर के ठीक नीचे वर्ष 2023 भी लिखा होगा. इस पर हिन्दी में संसद संकुल और अंग्रेजी में Parliament Complex लिखा होगा. सिक्के पर हिन्दी में भारत और अंग्रेजी में इंडिया लिखा होगा. इस पर अशोक चिन्ह भी अंकित होगा. AI ने 75 रुपये के सिक्के की फोटो जारी की है.
नए संसद उद्घाटन समारोह में शामिल होने पहुंचे केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हमारी संसद हमारे लोकतंत्र का मंदिर है. एक समय था जब राहुल गांधी ने हमारी सरकार, हमारे पीएम के अध्यादेश को जनता के सामने फाड़ दिया और हमारे लोकतंत्र को कमजोर कर दिया था. विपक्षी दलों ने हमेशा लोकतंत्र को कमजोर किया है. मैं लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत करने के लिए पीएम को धन्यवाद देना चाहता हूं. विपक्ष को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए और इस (समारोह) में भाग लेना चाहिए.
तमिलनाडु के अलग-अलग मठों के अधीनम नई संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए रवाना हो चुके हैं. थोड़ी ही देर में वहां हवन-पूजन शुरू हो जाएगा.
संसद भवन के उद्घाटन समारोह से एक दिन पहले यानी शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर अधीनम महंत पहुंचे थे. पीएम मोदी ने इनसे मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया. इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि 'आज मेरे निवास स्थान पर आप सभी के चरण पड़े हैं, ये मेरे लिए सौभाग्य का विषय है. मुझे इस बात की भी बहुत खुशी है कि कल नए संसद भवन के लोकार्पण के समय आप सभी वहां आकर आशीर्वाद देने वाले हैं.'
इससे एक दिन पहले सेंगोल की एक्सक्लूजिव तस्वीरें भी सामने आई थीं. 5 फीट लंबे चांदी से बने इस सेंगोल पर सोने की परत चढ़ाई गई है. इसके ऊपरी हिस्से पर नंदी विराजमान हैं और इस पर झंडे बने हुए हैं. उनके नीचे तमिल भाषा में कुछ लिखा भी हुआ है. दरअसल, हाल ही में प्रायगराज से लाने के बाद इसे दिल्ली के म्यूजियम में रखा गया था. इस सेंगोल को 1947 में बनवाया गया था.
संसद भवन के उद्घाटन के साथ ही लोकसभा में सेंगोल को भी स्थापित किया जाएगा. सेंगोल का इतिहास आधुनिक तौर पर भारत की आजादी से जुड़ा हुआ है तो वहीं इसकी प्राचीनता की कड़ियां चोल राजवंश से भी जुड़ती हैं. इसे राजाओं के राजदंड के तौर पर भी जाना जाता है.
संसद का वर्तमान भवन 1927 में बनकर तैयार हुआ था, जो अब लगभग 100 साल पुराना होने जा रहा है. इसके दोनों सदनों में सांसदों के बैठने की सुविधाजनक व्यवस्था का भी अभाव था. 1971 की जनगणना के आधार पर किए गए परिसीमन पर आधारित लोकसभा सीटों की संख्या 545 में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है. 2026 के बाद इसमें काफी वृद्धि होने की संभावना है. ऐसे में नए सांसदों के लिए बैठने की पर्याप्त जगह ही नहीं होगी.
विपक्षी दलों ने अपने संयुक्त बयान में कहा है- 'राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पूरी तरह से दरकिनार करते हुए नए संसद भवन का उद्घाटन करने का प्रधानमंत्री मोदी का निर्णय न केवल एक गंभीर अपमान है बल्कि हमारे लोकतंत्र पर सीधा हमला है, जो इसके अनुरूप प्रतिक्रिया की मांग करता है. राष्ट्रपति के बिना संसद कार्य नहीं कर सकती है. फिर भी प्रधानमंत्री ने उनके बिना नए संसद भवन का उद्घाटन करने का निर्णय लिया है. यह अशोभनीय कृत्य राष्ट्रपति के उच्च पद का अपमान करता है और संविधान के पाठ और भावना का उल्लंघन करता है. यह सम्मान के साथ सबको साथ लेकर चलने की उस भावना को कमजोर करता है, जिसके तहत देश ने अपनी पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति का स्वागत किया था.'
कुछ विपक्षी दलों ने संसद के उद्घाटन का बायकॉट का ऐलान किया है. इन दलों में कांग्रेस, डीएमके (द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम), AAP, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट), समाजवादी पार्टी, भाकपा, झामुमो, केरल कांग्रेस (मणि), विदुथलाई चिरुथिगल कच्ची, रालोद, टीएमसी, जदयू, एनसीपी, सीपीआई (एम), आरजेडी, AIMIM, AIUDF (ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, नेशनल कॉन्फ्रेंस, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी और मरुमलार्ची द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (एमडीएमके) शामिल हैं.
नई संसद के उद्घाटन में बीजेपी समेत 25 राजनीति दल कार्यक्रम में शामिल होंगे. इनमें 7 गैर एनडीए दल- बहुजन समाज पार्टी, शिरोमणि अकाली दल, जनता दल (सेक्यूलर), लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास), वाईएसआर कांग्रेस, बीजू जनता दल और तेलुगू देशम पार्टी भी शामिल हैं. वहीं कांग्रेस समेत 21 दलों ने इसका बहिष्कार कर दिया है.
नए संसद भवन के निर्माण के लिए बलुआ पत्थर राजस्थान के सरमथुरा से, सागौन (टिक वुड) की लकड़ी महाराष्ट्र के नागपुर से मंगाई गई है. कार्पेट उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से मंगवाए गए हैं. त्रिपुरा की राजधानी अगरतला से बांस की लकड़ी की फ्लोरिंग मंगवाई गई है.स्टोन जाली वर्क्स राजस्थान के राजनगर और उत्तर प्रदेश के नोएडा से लिए गए हैं. अशोक प्रतीक को महाराष्ट्र के औरंगाबाद और राजस्थान के जयपुर से मंगवाया गया है. अशोक चक्र को मध्य प्रदेश के इंदौर से लिया गया है. लाल लाख राजस्थान के जैसलमेर से मंगवा गया है. इसी राज्य के अंबाजी से सफेद संगमरमर पत्थर खरीदे गए हैं. केसरिया ग्रीन स्टोन उदयपुर से मंगवाया गया है. एम-सैंड को हरियाणा के चकरी दादरी, फ्लाई ऐश ब्रिक्स को एनसीआर हरियाणा और उत्तर प्रदेश से खरीदा गया था. ब्रास वर्क और प्री-कास्ट ट्रेंच गुजरात के अहमदाबाद से लिए गए. एलएस/आरएस फाल्स सीलिंग स्टील संरचना दमन और दीव से ली गई.
इस इमारत में देश के अलग-अलग हिस्सों की मूर्तियां और आर्ट वर्क लगाए गए हैं. इसके अलावा इसमें देश में पूजे जाने वाले जानवरों की झलकियां भी दिखाई गई हैं. इनमें गरुड़, गज, अश्व और मगर शामिल हैं. इसके अलावा भवन में तीन द्वार बनाए गए हैं, जिन्हें ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार नाम दिया गया है. इस इमारत में भारत के आधुनिक बनने तक के सफर की छलक भी देखने को मिलेगी. इस इमारत में एक भव्य संविधान हॉल, एक लाउंज, एक लाइब्रेरी, डाइनिंग हॉल और पार्किंग की जगह भी होगी. लोकतंत्र के मंदिर के निर्माण के लिए देशभर से अनोखी सामग्रियों को जुटाया गया है, जो एक भारत श्रेष्ठ भारत की सच्ची भावना को दर्शाता है.
पुरानी संसद का आकार गोल है, जबकि नए संसद भवन को तिकोने आकार में डिजाइन किया गया है. अभी लोकसभा में 590 और राज्यसभा में 280 लोगों की सिटिंग कैपेसिटी है. जबकि नए संसद भवन की बात करें तो लोकसभा में 888 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोगों के बैठने का इंतजाम है. इसके अलावा नई राज्यसभा में 384 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोगों के बैठने की क्षमता है. दोनों सदनों के जॉइंट सेशन के वक्त लोकसभा में ही 1272 से ज्यादा सांसद साथ बैठ सकते हैं.
संसद का उद्घाटन दो चरणों में होना है. दूसरा चरण दोपहर 12 बजे से शुरू होगा. इसकी शुरुआत राष्ट्रगान से होगी. इसके बाद दो शॉर्ट फिल्मों की स्कीनिंग की जाएगी. फिर राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति का संदेश पढ़ेंगे. इसके बाद राज्यसभा में नेता विपक्ष का संबोधन होगा. फिर लोकसभा स्पीकर का भी संबोधन होना है. इसके बाद सिक्के और स्टांप रिलीज किए जाएंगे और फिर सबसे आखिर में पीएम नरेंद्र मोदी का संबोधन होगा. दोपहर 2 बजे तक कार्यक्रम का समापन होगा.
नई संसद के उद्घाटन समारोह सुबह सूर्योदय के कुछ देर बाद से ही शुरू हो जाएगा. सुबह सवा सात बजे पीएम मोदी यहां पहुंचेंगे. साढ़े सात बजे पांडाल में पूजन शुरू होगा, जिसका विधान एक घंटे तक चलेगा. फिर सभी लोकसभा चैंबर की ओर जाएंगे और यहां प्रवेश के बाद 9 बजे तक चैंबर में कार्यक्रम चलेगा. यहां लॉबी में प्रार्थना सभा होगी और फिर इसके बाद पीएम मोदी परिसर से निकलेंगे.