जम्मू कश्मीर के कोकरनाग में आतंकियों के साथ लोहा लेते हुए सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस के तीन अफसर शहीद हो गए. शहीद अफसरों में जम्मू कश्मीर पुलिस के डिप्टी एसपी हुमायूं भट भी शामिल हैं. हुमायूं जम्मू कश्मीर के पुलवामा के त्राल के रहने वाले थे. त्राल वही जगह है, जहां का आतंकी बुरहान वानी रहने वाला था. हुमायूं ने सर्वोच्च बलिदान देकर न सिर्फ त्राल बल्कि पूरे देश का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया.
दरअसल, अनंतनाग के कोकरनाग में बुधवार को सुरक्षाबलों ने आतंकियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन शुरू किया था. सुरक्षाबलों ने आतंकियों को घेर रखा था. जैसे ही सुरक्षाबल के अधिकारी उस जगह पर पहुंचे, जहां आतंकी छिपे हुए थे तो उन्होंने अंधाधुंध फायरिंग कर दी, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई. इस दौरान सेना के एक अधिकारी और एक पुलिस अधिकारी को गोली लग गई. आनन-फानन में घायल अफसरों हेलिकॉप्टर से एयरलिफ्ट किया गया, लेकिन इन अधिकारियों को बचाया नहीं जा सका.
1 साल पहले हुई थी शादी, 2 महीने की थी बेटी
हुमायूं भट त्राल के रहने वाले थे. लेकिन वे काफी वक्त से श्रीनगर के बाहरी क्षेत्र हुमहामा की फ्रेंड्स कॉलोनी में रह रहे थे. हुमायूं की पिछले साल शादी हुई थी. उनकी दो महीने की बेटी भी है. हुमायूं 2019 बैच के अधिकारी थे. उनके पिता गुलाम हसन भट जम्मू कश्मीर पुलिस में IG रहे हैं.
डीएसपी हुमायूं को बडगाम में किया गया सुपुर्द ए खाक
डीएसपी हुमायूं के परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है. उन्हें बुधवार शाम को श्रीनगर के जिला पुलिस लाइन में पूरे सम्मान के साथ आखरी विदाई दी गई. जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शहीद हुमायूं को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान पूर्व आईजीपी गुलाम हस्सान भट ने भी अपने शहीद बेटे हुमायूं के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित की. इस मंजर ने सबको झकझोर कर रख दिया. इसके बाद हुमायूं के पार्थिव शरीर को उनके आवास पर लाया गया, जहां शहीद बेटे को देखकर चीख पुकार मच गई. बडगाम में डीएसपी हुमायूं को सुपुर्द ए खाक किया गया.
सुरक्षाबलों ने आतंकियों को घेरा
बताया जा रहा है कि जिन आतंकियों ने सेना के अफसरों पर फायरिंग की थी, उन्हें सुरक्षाबलों ने घेरकर रखा है. आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच फायरिंग भी हो रही है. जम्मू कश्मीर पुलिस ने ट्वीट कर बताया, कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष और डीएसपी हुमायूं भट की अटूट वीरता को सच्ची श्रद्धांजलि, जिन्होंने इस चल रहे ऑपरेशन के दौरान सामने से नेतृत्व करते हुए अपने जीवन का बलिदान दिया. हमारी सेनाएं उजैर खान समेत लश्कर के दोनों आतंकवादियों को घेरने में दृढ़ संकल्प के साथ जुटी हैं. उजैर खान 10 लाख का इनामी आतंकी है. यह जुलाई 2022 से घाटी में एक्टिव है.
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