पिछले हफ्ते एक एक्सप्रेस ट्रेन के स्लीपर कोच में घायल हुए यात्री की मौत हो गई है. केरल के मारनचेरी के रहने वाला मृतक ट्रेन में यात्रा के दौरान बीच वाली बर्थ गिरने से गंभीर रूप से घायल हो गया था और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इस घटना को लेकर केरल कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा. वहीं घटना को लेकर रेलवे ने भी स्पष्टिकरण जारी किया है. रेलवे का कहना है कि हादसा खराब सीट के कारण नहीं हुआ.
दरअसल, 62 वर्षीय अली खान एर्नाकुलम-हजरत निजामुद्दीन मिलेनियम सुपरफास्ट एक्सप्रेस (12645) के स्लीपर कोच में यात्रा कर रहे थे. इस दौरान, ऊपरी बर्थ पर एक और व्यक्ति सफर कर रहा था. सफर के दौरान, ऊपरी बर्थ गिर गई और भारी वजन के कारण खान घायल हो गए. रेलवे अधिाकरियों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया. हालांकि, इलाज के दौरान खान की मौत हो गई. यह घटना पिछले मंगलवार की रात को दिल्ली की यात्रा के दौरान हुई.
जैसे ही ट्रेन तेलंगाना के वारंगल पहुंची, बीच की बर्थ अली खान पर गिर गई, जो निचली बर्थ पर लेटे हुए थे. बर्थ सीधे उनकी गर्दन पर गिरी, जिस पर अन्य यात्री सो रहा था. जोरदार झटके से उसकी गर्दन की तीन हड्डियां टूट गईं, जिससे उसे गंभीर चोटें आईं और इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा.
उधर, यात्री की मृत्यु के बाद केरल कांग्रेस ने एक्स पर पोस्ट में केंद्र सरकार और रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव पर निशाना साधा. केरल कांग्रेस ने कहा, "अश्विनी वैष्णव और नरेंद्र मोदी के शासनकाल में रेलवे की स्थिति है कि पर्याप्त ट्रेनें या सीटें नहीं. आप सुरक्षित तरीके से ट्रेन में चढ़ नहीं सकते. अगर आप चढ़ने में कामयाब हो भी जाते हैं तो सीट नहीं. अगर आपको सीट मिल भी जाती है तो ट्रेन दुर्घटना, बर्थ क्रैश या खराब स्वच्छता के कारण आपकी मौत हो सकती है."
इस पोस्ट के बाद रेलवे ने भी स्पष्टिकरण जारी किया और आरोपों से इनकार किया. रेलवे ने एक्स पर कहा, "हादसा खराब सीट के कारण नहीं हुआ. रेलवे अधिकारियों ने जब जांच की तो पता चला कि ऊपर वाले बर्थ पर बैठे व्यक्ति ने ठीक ने चेन नहीं लगाई थी. पीड़ित खान एस6 की 57 नंबर सीट पर बैठे थे, यह निचली सीट है. ऊपरी बर्थ पर बैठे व्यक्ति ने चेन ठीक ने नहीं लगाई थी, जो बीच सफर खुल गई और सीट गिर गई. इसमें सीट की दिक्कत नहीं है और न ही सीट में खऱाबी के कारण हादसा हुआ है.
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