Kashi Vishwanath Temple Gyanvapi Masjid Issue: वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के मामले में निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में सुनवाई चल रही है. निचली अदालत के आदेश पर ज्ञानवापी का सर्वे हुआ. निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग सुप्रीम कोर्ट में की गई. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कार्यवाही पर रोक की मांग तो नहीं मानी, लेकिन ज्ञानवापी मस्जिद में मुस्लिमों को नमाज करने से न रोकने का आदेश जरूर दिया. एक दिन पहले वाराणसी कोर्ट ने शिवलिंग मिलने के बाद ज्ञानवापी मस्जिद में नमाजियों की संख्या सीमित करने का आदेश दिया था.
वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद का विवाद सालों से चला आ रहा है. हिंदू पक्ष का दावा है कि यहां पहले मंदिर हुआ करता था, जिसे 1669 में औरंगजेब ने तुड़वा दिया और उसकी जगह ज्ञानवापी मस्जिद बनवा दी.
इसके बाद पांच महिलाओं ने ज्ञानवापी मस्जिद के बगल में श्रृंगार गौरी मंदिर में पूजा-अर्चना की अनुमति देने की मांग को लेकर वाराणसी की निचली अदालत में याचिका दायर की थी. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे और वीडियोग्राफी करने का आदेश दिया था. तीन दिन तक सर्वे किया गया. रिपोर्ट मंगलवार को कोर्ट में जमा करानी थी. इसी बीच सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्ष ने याचिका दायर कर निचली अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की. सुप्रीम कोर्ट ने इस मांग को खारिज कर दिया, लेकिन मुस्लिमों को कुछ राहत जरूरी दी.
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ज्ञानवापी मामले में अब तक क्या-क्या हुआ?
- पांच महिलाओं ने दायर की याचिका
18 अगस्त 2021 को वाराणसी की पांच महिलाओं ने सिविल जज (सीनियर डिविजन) के सामने एक वाद दायर किया. महिलाओं ने ज्ञानवापी मस्जिद के बगल में बने श्रृंगार गौरी मंदिर में रोजाना पूजन-दर्शन की मांग की. महिलाओं की याचिका पर सुनवाई करते हुए जज रवि कुमार दिवाकर ने ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे करने का आदेश दिया.
- मस्जिद में शिवलिंग मिलने का दावा
अदालत के आदेश पर 14, 15 और 16 मई को ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे किया गया. इसकी वीडियोग्राफी भी की गई. सर्वे के बाद हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने यहां शिवलिंग मिलने का दावा किया. हालांकि, मुस्लि पक्ष का कहना था कि ये शिवलिंग नहीं बल्कि फव्वारा है, जो हर मस्जिद में होता है.
- वाराणसी कोर्ट ने लगाई पाबंदियां
शिवलिंग मिलने की बात सामने आने के बाद हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने वाराणसी कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र दायर किया. इस पर वाराणसी कोर्ट ने शिवलिंग मिलने वाली जगह को तुरंत सील करने का आदेश दिया. साथ ही मुस्लिमों के वजू करने पर भी रोक लगा दी. इसके अलावा ये भी कहा कि मस्जिद में सिर्फ 20 मुस्लिम ही नमाज पढ़ सकते हैं.
- सुप्रीम कोर्ट ने हटाई पाबंदियां
वाराणसी कोर्ट के फैसले के खिलाफ ज्ञानवापी मस्जिद की देखरेख करने वाली अंजुमन इंतजामिया कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दायर की. कमेटी ने सर्वे पर रोक लगाने की मांग की. इस पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने सुनवाई की. बेंच ने सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. लेकिन ये भी कहा कि अगर वहां शिवलिंग है तो उसको सुरक्षित रखा जाए और वहां मुस्लिमों को नमाज पढ़ने से न रोका जाए.
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अब आगे क्या होगा?
- वाराणसी कोर्ट मेंः ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे की रिपोर्ट 17 मई को अदालत में जमा करनी थी. हालांकि, रिपोर्ट तैयार नहीं होने की वजह से दो दिन का समय दिया गया था. वाराणसी कोर्ट में आज भी इस मामले में सुनवाई होनी थी, लेकिन वकीलों की हड़ताल की वजह से सुनवाई टाल दी गई है. सुनवाई की अगली तारीख अभी नहीं आई है.
- सुप्रीम कोर्ट मेंः अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू पक्ष को नोटिस जारी किया है. कमेटी ने दलील दी कि प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 इस मामले में कानूनी कार्यवाही करने से रोकता है. सुप्रीम कोर्ट में अब इस मामले में 19 मई को अगली सुनवाई होगी.
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