देशभर में कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत 16 जनवरी से हो चुकी है. वैक्सीनेशन के पहले फेज में फ्रांटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन लगाई जा रही है. इसी बीच कर्नाटक के कुछ जिलों में डॉक्टरों ने वैक्सीन को लेकर चिंता जाहिर की है और अपने संबंधित जिला स्वास्थ्य अधिकारियों से संपर्क करके कहा है कि उन्हें कोविशील्ड वैक्सीन (सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार ऑक्सफोर्ड वैक्सीन) ही दी जाए.
राज्य के छह जिलों के मेडिकल कॉलेजों में भारत बायोटैक की कोवैक्सीन दी जा रही है. साथ ही इन डॉक्टर्स ने इस बात पर भी चिंता व्यक्त की है कि कैसे बड़े पैमाने पर वैक्सीन के इस्तेमाल की अनुमति दे दी गई, जबकि वैक्सीन का ट्रायल तीसरे चरण में ही था.
बता दें कि वैक्सीनेशन की शुरुआत के साथ ही भारत ने रिकॉर्ड भी बना लिया है. देश में दो दिन के अंदर ही कुल 2,24,301 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दी गई है. भारत ने इस मामले में ब्रिटेन , फ्रांस को भी पछाड़ दिया है. गौरतलब है कि देश में वैक्शीनेशन की शुरुआत के साथ ही कुछ राज्यों में इसपर रोक भी लगा दी गई है. वैक्सीनेशन के पहले दिन करीब 1.91 लाख फ्रंटलाइन वर्कर्स और स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगाई गई थी.
वहीं, देश में कई लोगों में वैक्सीन का प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिला. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को बताया कि कोरोना टीकाकरण के बाद अब तक कुल 447 लोगों में प्रभाव देखने को मिला है. इनमें से तीन लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है.
नोलान पिंटो