दुष्यंत दवे ने CJI को लिखी चिट्ठी, जस्टिस अरुण मिश्रा के विदाई समारोह में बोलने नहीं देने पर विवाद

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के अध्यक्ष दुष्यंत दवे ने बुधवार को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) एसए बोबड़े को चिट्ठी लिखकर जस्टिस अरुण मिश्रा के विदाई समारोह में कथित रूप से बोलने से रोके जाने पर निराशा व्यक्त की.

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सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के अध्यक्ष दुष्यंत दवे (फाइल फोटो-PTI) सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के अध्यक्ष दुष्यंत दवे (फाइल फोटो-PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 03 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 10:24 AM IST
  • जस्टिस अरुण मिश्रा के विदाई समारोह का मामला
  • दुष्यंत दवे ने बोलने नहीं देने का लगाया आरोप
  • दवे ने सीजेआई एसए बोबड़े को लिखी चिट्ठी

वरिष्ठ वकील और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के अध्यक्ष दुष्यंत दवे ने बुधवार को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) एसए बोबड़े को चिट्ठी लिखकर जस्टिस अरुण मिश्रा के विदाई समारोह में कथित रूप से बोलने से रोके जाने पर निराशा व्यक्त की. दवे ने सीजेआई को 'निराशा और कड़ी निंदा' व्यक्त करते हुए कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट द्वारा आयोजित किसी भी समारोह में फिर से भाग नहीं लेंगे, जब तक उनका एससीबीए अध्यक्ष का कार्यकाल खत्म नहीं होता है.

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सीजेआई एसए बोबड़े को लिखी चिट्ठी में वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने कहा, 'मुझे स्वीकार करना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट ऐसे स्तर पर आ गया है, जहां न्यायाधीश बार से डरते हैं. कृपया याद रखें, जज आते हैं और चले जाते हैं, लेकिन हम स्थिर रहते हैं. हम इस महान संस्थान की वास्तविक ताकत हैं, क्योंकि हम स्थायी हैं.'

वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने कहा, 'मुझे कहना चाहिए, मैं व्यक्तिगत रूप से इन घटनाओं से बहुत दुखी हूं और फिर कभी सुप्रीम कोर्ट द्वारा आयोजित किसी भी समारोह में भाग नहीं लूंगा.' उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें टीम सुप्रीम कोर्ट वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग टीम से 12.30 बजे सीजेआई की सेरेमोनियल बेंच में शामिल होने के लिए 10.06 बजे एक लिंक मिला.

वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने कहा, 'मैंने सुबह 10.16 बजे सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार द्वारा भेजे गए वॉट्सऐप मैसेज का सुबह 10.18 पर जवाब देते हुए निमंत्रण को स्वीकार किया. मैं 12.20 बजे के आसपास लिंक से जुड़ा और सुप्रीम कोर्ट वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग टीम द्वारा पुष्टि की गई कि वीडियो और ऑडियो एकदम सही हैं.'

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वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने कहा, 'तब मैंने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, SCORA अध्यक्ष  शिवाजी जाधव के साथ बातचीत की. एक बार जब अदालत इकट्ठी हुई, तो मैंने सारी कार्यवाही स्पष्ट रूप से देखी और सुनी. अंत में मुकुल रोहतगी ने विदाई दी.'

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस अरुण मिश्रा का 2 सितंबर को रिटायरमेंट था. इस अवसर पर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने विदाई समारोह के आयोजन का मन बनाया था, लेकिन कोरोना के कारण जस्टिस अरुण मिश्रा ने बार के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया था.

अपनी चिट्ठी में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दुष्यंत दवे ने कहा, 'जब सेरेमनी समाप्त हो गई, तो मुझे लगा कि मुझसे बोलने के लिए अनुरोध किया जाएगा, इसके बजाय श्री जाधव से अनुरोध किया गया. कुछ अज्ञात कारणों से मुझे बार-बार डिस्कनेक्ट किया जा रहा था, लेकिन मैंने हर बार खुद को कनेक्ट किया और फिर से जुड़ गया.'

 

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