दानपात्र में गिरी थी सोने की चेन तो ट्रस्ट ने दूसरी बनवा कर दी... क्या iPhone का भी मिलेगा मुआवजा?

मंत्री पी. के. शेखर बाबू ने कहा कि, वह विभाग के अधिकारियों से चर्चा करेंगे ताकि यह पता लगाया जा सके कि श्रद्धालु को iPhone का मुआवजा देने की कोई संभावना है या नहीं, और उसके अनुसार निर्णय लेंगे.

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तमिलनाडुः क्या मंदिर की हुंडी में गलती से गिरे iPhone का मुआवजा श्रद्धालु को मिलेगा (Photo__ Meta AI) तमिलनाडुः क्या मंदिर की हुंडी में गलती से गिरे iPhone का मुआवजा श्रद्धालु को मिलेगा (Photo__ Meta AI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 21 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 7:51 PM IST

तमिलनाडु स्थित एक मंदिर के दानपात्र में iPhone गिरने का वाकया चर्चा में है. सामने आया है कि राज्य के तिरुपोरूर स्थित अरुलमिगु कंदास्वामी मंदिर में एक श्रद्धालु जब चढ़ावा चढ़े रहे थे, उसी दौरान गलती से उनका iPhone हुंडी (दानपात्र) में गिर गया था, जब उन्होंने मंदिर प्रबंधन से फोन वापस मांगा तो उन्हें बताया गया कि हुंडी में डाला गया कोई भी सामान भगवान की संपत्ति माना जाता है.

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विनायगपुरम के निवासी दिनेश ने बताया कि मंदिर प्रशासन उनका iPhone नहीं लौटा रहा है, जो कि गलती से दानपात्र में गिर गया था. इस वाकये की चर्चा हर ओर हो रही है और सोशल मीडिया पर यह वायरल भी है. तमिलनाडु हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग ने विनम्रतापूर्वक श्रद्धालु के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया, यह कहते हुए कि ये iPhone अब मंदिर की संपत्ति बन चुका है.

श्रद्धालु ने की फोन वापसी की मांग
शुक्रवार को, हुंडी खोलने के बाद, मंदिर प्रशासन ने दिनेश से संपर्क किया और बताया कि उनका फोन हुंडी में मिला है और वह केवल उसका डेटा ले सकते हैं. हालांकि, दिनेश ने यह स्वीकार करने से इनकार कर दिया और जोर देकर कहा कि उनका फोन उन्हें वापस किया जाए. 

हुंडी के बताए जा रहे नियम पर उठ रहे हैं सवाल
अब इसे लेकर सवाल उठ रहे हैं कि क्या वाकई श्रद्धालु दिनेश को उनका फोन वापस नहीं मिलेगा? क्या असल में वह भगवान की संपत्ति बन चुका है. इन सारे सवालों के जवाब एचआर एंड सीई मंत्री पी. के. शेखर बाबू ने मीडिया को दिए हैं. PTI कि रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा कि, "हुंडी में जो कुछ भी डाला जाता है, चाहे वह जानबूझकर हो या गलती से, वह भगवान के खाते में चला जाता है. मंदिरों में प्रचलित परंपराओं और नियमों के अनुसार, हुंडी में डाली गई कोई भी चीज सीधे उस मंदिर के देवता के खाते में चली जाती है. नियम प्रशासन को चढ़ावा वापस करने की अनुमति नहीं देते.'' 

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मंत्री ने कहा- मुआवजा देने की संभावनाओं पर करेंगे विचार
मंत्री ने यह भी कहा कि वह विभाग के अधिकारियों से चर्चा करेंगे ताकि यह पता लगाया जा सके कि भक्त को मुआवजा देने की कोई संभावना है या नहीं, और उसके अनुसार निर्णय लेंगे. मंत्री ने यह बयान यहां मढ़वरम में अरुलमिगु मारियम्मन मंदिर के निर्माण कार्य और वेणुगोपाल नगर में स्थित अरुलमिगु कैलासनाथर मंदिर के तालाब के 2.5 करोड़ रुपये की लागत से हो रहे पुनर्निर्माण कार्य का निरीक्षण करते हुए दिया.

...जब महिला को बनवा कर दी गई चेन
हुंडी में गलती से किसी वस्तु के गिर जाने की घटना पहली नहीं है. पहले भी इस तरह के वाकये होते रहे हैं. हालांकि तब भी यह नियम ही लागू रहा है कि हुंडी (दानपात्र) में गिरी कोई भी वस्तु वापस नहीं की जा सकती है, लेकिन मंदिर प्रशासन और ट्रस्ट ने अपनी तरफ से श्रद्धालु के लिए उसकी भरपाई की है. एचआर एंड सीई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एक ऐसे ही वाकये का जिक्र किया है. मई 2023 में केरल के अलप्पुझा की एक भक्त एस. संगीता ने पलानी के प्रसिद्ध श्री धनदायुथपानी स्वामी मंदिर की हुंडी में अनजाने में अपनी 1.75 तोले की सोने की चेन गिरा दी थी.

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चढ़ावा चढ़ाते हुए हुंडी में गिर गई थी सोने की चेन
सोने की चेन उस समय हुंडी में गिर गई जब वह अपनी गर्दन से तुलसी की माला उतारकर चढ़ावा चढ़ा रही थीं. हालांकि, उनकी आर्थिक स्थिति को देखते हुए और सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से यह पुष्टि करने के बाद कि चेन गलती से गिरी थी, मंदिर ट्रस्ट बोर्ड के अध्यक्ष ने अपने निजी खर्च पर समान मूल्य की नई सोने की चेन बनवाकर उन्हें दे दी.

अधिकारी ने बताया कि हुंडी स्थापना, सुरक्षा और लेखा नियम, 1975 के अनुसार, हुंडी में चढ़ाई गई कोई भी चीज़ किसी भी स्थिति में वापस नहीं की जा सकती, क्योंकि वह मंदिर की संपत्ति मानी जाती है.
 

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