Indian Railway Chain Pulling rule: भारत में रोजाना लाखों लोग रेल यात्रा करते हैं. ऐसे में भारतीय रेलवे (Indian Railway) के बहुत से ऐसे नियम हैं जिनके बारे में आम यात्रियों को ज्यादा समझ नहीं है या यात्री कभी उन नियमों पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं. ट्रेन में चेन यानी जंजीर खीचने को लेकर भी ऐसे ही कुछ नियम हैं. किसी आपातकालीन स्थिति में चलती ट्रेन को रोकने के लिए प्रत्येक बोगी में एक चेन होती है जिसे खींचने पर ट्रेन रुक जाती है.
इस चेन या जंजीर को बिना किसी इमरजेंसी के खींचना अपराध है. रेलवे इसके लिए आपको सजा या आप पर जुर्माना लगा सकता है. रेलवे के नियमों के तहत चेन पुलिंग की सुविधा का दुरुपयोग एक कानूनन जुर्म है. रेलवे अधिनियम की धारा 141 के तहत अगर कोई यात्री बिना किसी उचित और पर्याप्त कारण के अलार्म चेन का इस्तेमाल खीचता है तो उस व्यक्ति पर 1,000 रुपये का जुर्माना या एक साल की कैद या दोनों हो सकते हैं.
कैसे रुक जाती है ट्रेन -
दरअसल, ट्रेन की प्रत्येक बोगी में लगी चेन ट्रेन के मेन ब्रेक पाइप से जुड़ी होती है. इस पाइप में हवा का दबाव बना रहता है. जैसे ही कोई चेन खीचता है तो पाइप से हवा निकल जाती है और दवाब के कारण ट्रेन धीरे हो जाती है. जैसे ही रफ्तार कम होती है लोको पायलट हॉर्न बजाकर ट्रेन को रोक देता है.
पुलिस को कैसे पता चलता है -
हर बोगी के बाहर एक इमरजेंसी फ्लैशर लाइट लगी होती है. जैसे ही कोई यात्री जंजीर खीचता है ये फ्लैश लाइट जलने लगती है. अगर किसी ट्रेन में ये सुविधा नहीं है तो ट्रेन के गार्ड जाकर देखता है कि किस बोगी से चेन खीची गई है और पुलिस को इसकी जानकारी देता है. ऐसी स्थिति में रेल पुलिस बेमतलब चेन पुलिंग करने वालों को पकड़ लेती है.
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