जून से सितंबर महीने तक आसमान मेहरबान रहने वाला है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, इस अवधि में सामान्य से 6 फीसदी अधिक वर्षा होने की संभावना है. यानि कुल 106 प्रतिशत होगी, जिसमें ±4% का बदलाव संभव है.
IMD ने पहले 105 प्रतिशत का अनुमान लगाया था. हालांकि, अब इसे संशोधित किया गया है. जून के महीने की शुरुआत में तेज मानसून के साथ होगी. इस दौरान औसत से 108 प्रतिशत अधिक वर्षा होने की संभावना है.
जून में झमाझम बारिश की वजह से देश के अधिकांश इलाकों में तापमान औसत से कम रहने की उम्मीद है. हालांकि, नार्थ-वेस्ट और नार्थ-ईस्ट इंडिया में तापमान सामान्य से अधिक रह सकता है.
किसानों और शहर के लोगों के लिए झमाझम बारिश अच्छी खबर है. भारत की कृषि अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा मानसून बेहद अहम है. IMD के द्वारा संशोधित किया गया बारिश के अनुमान से नीति निर्धारकों और जल संसाधन प्रबंधकों के लिए मददगार साबित हो सकता है. वो अब बारिश की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए अपनी तैयारियों को आगे बढ़ाएंगे.
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IMD के अनुसार, मध्य और दक्षिण भारत में जून में सामान्य से ज्यादा वर्षा होने की उम्मीद है. सामान्य से 106 प्रतिशत से ज्यादा वर्षा की उम्मीद है. जबकि पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना जताई गई है. दिल्ली समेत उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य वर्षा की उम्मीद है. इस क्षेत्र में 92-100% वर्षा होने की संभावना है.
IMD की ओर से जारी संशोधित पूर्वानुमान से पहले महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में मई के महीने के अंतिम सप्ताह में जोरदार बारिश हुई. कई इलाकों में पानी भर गया, सड़कें और मेट्रो स्टेशन जलमग्न हो गए. मई के महीने में मुंबई की बारिश ने 107 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया. वहीं, 25 सालों बाद मुंबई में इतने पहले मानसून ने दस्तक दी है.
बारिश से मुंबई बेहाल
बारिश की कहर से मुंबई बेहाल हो गया. सड़कें जलमग्न हुई तो पानी को मोटर पंप के इस्तेमाल से बाहर निकाला गया. जिसके बाद सड़क के किनारे कचरे दिखे. बीएमसी की ओर से जिस तरह से काम सफाई को लेकर होना चाहिए था वह सड़कों पर नहीं दिखा. यातायात बाधित होने की वजह से लोग परेशान हुए.
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और शिवसेना उद्धव गुट के नेता आदित्य ठाकरे ने भी सफाई को लेकर फडणवीस सरकार से तीखे सवाले पूछे हैं. उनका आरोप है कि पिछले तीन से चार सालों में बीएमसी सही ढंग से काम नहीं कर रही.
कुमार कुणाल