लद्दाख में चल रहे तनाव के बीच भारत और चीन के सैन्य अधिकारी आज फिर वार्ता करेंगे. अगले महीने लद्दाख में भारतीय सेना की 14 कोर की कमान संभालने वाले सेना अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन आज चुशुल-मोल्दो में भारत-चीन की महत्वपूर्ण वार्ता में भाग ले रहे हैं. लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन आज की वार्ता में सेना मुख्यालय प्रतिनिधि हैं.
लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन, 14 कोर के लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह की जगह लेंगे. लेफ्टिनेंट जनरल मेनन, फिलहाल सेना मुख्यालय में शिकायत सलाहकार बोर्ड (सीएबी) के अतिरिक्त महानिदेशक के रूप में तैनात हैं. वह सीधे सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे को रिपोर्ट करते हैं. वह इस साल जनवरी से सिख रेजिमेंट के कर्नल ऑफ द रेजिमेंट भी रहे हैं.
यह पहला मौका नहीं है, जब लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन चीन के साथ वार्ता कर रहे हैं. दो साल पहले नवंबर 2018 में, उन्होंने अरुणाचल प्रदेश-तिब्बत सीमा पर भारत और चीन के बीच बुम ला में पहली मेजर जनरल स्तर की वार्ता का नेतृत्व किया. उस समय वह असम मुख्यालय वाले 71 इन्फैंट्री डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) थे.
लद्दाख में चुशुल-मोल्दो की तरह, बुम ला भी भारत और चीन के बीच बातचीत होती है. लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन, उस समय चीनी सेना के मेजर जनरल ली शी झोंग के साथ चर्चा की थी. 2018 की बैठक सिक्किम के पास डोकलाम में दो महीने की भारत-चीन सेना की गतिरोध के एक साल बाद हुई थी.
चुशुल-मोल्दो में आज हो रही बातचीत में हिस्सा लेने के लिए लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन और विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव दिल्ली से लद्दाख पहुंचे हैं. यह पहला मौका है, जब सैन्य वार्ता के दौरान विदेश मंत्रालय के अधिकारी भी मौजूद रहे हैं. लद्दाख तनाव को सैन्य और राजनयिक स्तर पर कम करने की कोशिश की जा रही है.
शिव अरूर