सुप्रीम कोर्ट का आदेश, उसकी अनुमति के बिना नहीं होगा अरावली रेंज में खनन पट्टों का रिनुअल

अरावली पर्वत श्रृंखला दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात में फैली हुई है. खनन लाइसेंसों के नवीनीकरण के लिए दो नए अर्जी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने संबंधित राज्य सरकारों को विभिन्न प्राधिकरणों से वैधानिक मंजूरी प्राप्त करने के बाद पट्टों के नवीनीकरण के प्रस्तावों पर निर्णय लेने का निर्देश दिया.

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संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 24 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 3:39 AM IST

अरावली रेंज वाले राज्यों के लिए अहम फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसकी बिना पूर्व अनुमति के अरावली रेंज वाले राज्य खनन पट्टों के नवीनीकरण की मंजूरी नहीं देंगे. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से जाहिर है कि अरावली रेंज में खनन पट्टों के नवीनीकरण के लिए सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी लेनी होगी. बिना इसके अरावली रेंज वाले राज्यों की ओर से खनन पट्टों की अंतिम मंजूरी नहीं दी जाएगी. इन राज्यों में दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात शामिल हैं.

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अरावली पर्वत श्रृंखला दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात में फैली हुई है. खनन लाइसेंसों के नवीनीकरण के लिए दो नए अर्जी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने संबंधित राज्य सरकारों को विभिन्न प्राधिकरणों से वैधानिक मंजूरी प्राप्त करने के बाद पट्टों के नवीनीकरण के प्रस्तावों पर निर्णय लेने का निर्देश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हम आगे निर्देश देते हैं कि इस अदालत की बिना पूर्व मंजूरी के खनन पट्टों के नवीनीकरण के लिए कोई अंतिम अनुमति राज्यों की ओर से नहीं दी जाएगी.

दरअसल  सुप्रीम कोर्ट ने 9 मई के अपने आदेश को दोहराया. इसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अरावली पर्वतमाला के राज्यों को खनन पट्टों के अनुदान और नवीनीकरण के लिए आवेदनों पर विचार करने की स्वतंत्रता होगी, लेकिन 25 अगस्त, 2010 की भारतीय वन सर्वेक्षण (एफएसआई) रिपोर्ट में परिभाषित पहाड़ी श्रृंखला में खनन के लिए सर्वोच्च अदालत की अनुमति के बिना कोई अंतिम अनुमति नहीं प्रदान की जाएगी. 

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह कहने की जरूरत नहीं है कि इस आदेश को किसी भी तरह से वैध खनन गतिविधियों पर रोक लगाने के रूप में नहीं समझा जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सचिव सहित अधिकारियों की एक समिति गठित की जाए, जो अरावली पहाड़ियों और श्रृंखला की एक समान परिभाषा रखे.

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