क्या सच में CT स्कैन से कैंसर का खतरा है? एम्स डायरेक्टर की बात पर क्या कहती है रिसर्च

एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने सोमवार को कहा था सीटी स्कैन करवाने से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. क्योंकि ये 300-400 एक्स-रे के बराबर होता है. कई रिसर्च में भी ये बात साबित हो चुकी है कि सीटी स्कैन से कैंसर होने का खतरा रहता है.

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एम्स डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया (फाइल फोटो-PTI) एम्स डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया (फाइल फोटो-PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 04 मई 2021,
  • अपडेटेड 10:07 PM IST
  • डॉ. गुलेरिया ने कहा था, सीटी स्कैन से कैंसर का खतरा
  • सीटी से कैंसर का खतरा 2000 गुना बढ़ जाता हैः हार्वर्ड

एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने सोमवार को कहा था कि कोरोना की शुरुआत में सीटी स्कैन करवाने का कोई फायदा नहीं है. एक सीटी स्कैन से 300-400 एक्सरे के बराबर रेडिएशन होता है. इससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. चेस्ट एक्सरे के बाद ही डॉक्टर की सलाह पर सीटी स्कैन करवाना चाहिए. 

उनका ये बयान इसलिए था क्योंकि आजकल कई मामलों में आरटीपीसीआर टेस्ट से भी कोरोना वायरस पकड़ नहीं आ रहा है. लेकिन सीटी स्कैन में फेफड़ों में संक्रमण निकल रहा है. इसलिए लोग अपने मन से ही सीटी स्कैन करवा ले रहे हैं. सीटी स्कैन को कम्प्यूटेड टोमोग्राफी या कम्प्यूटेड एक्सियल टोमोग्राफी कहा जाता है. ये एक टूल है जिसका इस्तेमाल डॉक्टर कई तरह की हेल्थ प्रॉब्ल्म का डायग्नोसिस करने में करते हैं. इससे डॉक्टर को शरीर के आंतरिक अंगों को देखने में मदद मिलती है. 

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हालांकि, डॉ. गुलेरिया पहले डॉक्टर या एक्सपर्ट नहीं हैं, जिन्होंने सीटी स्कैन से कैंसर के खतरे को लेकर चेतावनी जारी है. उनसे पहले भी कई रिसर्च में इस तरह की बातें सामने आ चुकी हैं. हार्वर्ड हेल्थ के अनुसार, सीटी स्कैन से कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा जा सकता है, जो कैंसर का कारण बन सकता है.

अपनी एक रिपोर्ट में उसने कहा है कि अमेरिका में कैंसर के बढ़ते मामलों के लिए सीटी स्कैन और न्यूक्लियर इमेजिंग बड़ा कारण है, क्योंकि इनमें एक्सरे की तुलना में ज्यादा रेडिएशन होता है. उदाहरण के लिए एक्सरे से 0.1 mSv रेडिएशन निकलती है, जबकि सीटी स्कैन से 7 mSv निकलती है, जो 70 गुना ज्यादा है.

एक दूसरी रिपोर्ट में हार्वर्ड हेल्थ ने बताया है कि सीटी स्कैन से चेस्ट और पेट का कैंसर होने की सबसे ज्यादा आशंका है, क्योंकि यहां की कोशिकाएं रेडिएशन से सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं. अगर एक बार भी सीटी स्कैन कराया जाता है तो कैंसर होने का खतरा दो हजार गुना बढ़ जाता है.

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वहीं, येल स्कूल ऑफ मेडिसिन की रिपोर्ट बताती है कि एक्सरे की तुलना में सीटी स्कैन से 100 से 500 गुना ज्यादा रेडिएशन निकलती है. WebMD, जो हेल्थ और मेडिकल का न्यूज प्लेटफॉर्म है, वो बताता है कि एक सीटी स्कैन  100-200 एक्सरे के बराबर होता है.

हार्वर्ड की तरह ही अमेरिका के नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट का भी यही कहना है कि सीटी स्कैन से कैंसर का खतरा दो हजार गुना तक बढ़ जाता है. इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह के अपने मन से ही सीटी स्कैन करवाना बहुत खतरनाक है और इससे कैंसर का खतरा बढ़ सकता है.

(रिपोर्ट- आलोक रंजन)

 

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