उत्तर भारत के कई राज्यों में भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने बड़ी तबाही मचाई है. उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और हिमाचल प्रदेश से आईं तस्वीरें और ग्राउंड रिपोर्ट्स इस बात का गवाह हैं कि कैसे प्राकृतिक आपदा ने गांव, शहर, सड़कें, पुल, खेत और यहां तक कि सरकारी इमारतों को भी अपने चपेट में ले लिया है.
उत्तराखंड: पहाड़ों पर कहर बरपाती बारिश
कोटद्वार - थलीसैंण के कलगड़ी नाले में आई बाढ़ से राष्ट्रीय राजमार्ग 121 पर बना पुल पूरी तरह बह गया है, जिससे पाबो से पैठाणी तक का संपर्क टूट गया है. भारी बारिश के कारण कई खेतों की फसलें भी बर्बाद हो गई हैं. ग्राम फल्दवाड़ी में बादल फटने की घटना में एक मकान पूरी तरह तबाह हो गया, जबकि कई गौशालाओं से जानवरों को सुरक्षित निकाला गया है.
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पौड़ी - लगातार हो रही बारिश ने दो महिलाओं की जान ले ली है. बुरांसी गांव में मलबे में दबने से एक महिला की मौत हो गई है, जबकि दूसरी की तलाश जारी है. वहीं, थलीसैंण तहसील के बांकुड़ा गांव में पांच नेपाली मजदूरों के बहने की सूचना है.
जोशीमठ - बदरीनाथ हाईवे पर भारी भूस्खलन के चलते जोगीधारा के पास मार्ग बंद हो गया है. हजारों यात्री फंसे हुए हैं. जोशीमठ के नृसिंह मंदिर वार्ड में भू-धंसाव से सुरक्षा दीवार टूट गई, जिससे दो दुकानें क्षतिग्रस्त हो गई हैं. हर बरसात में यहां भूस्खलन होता है, लेकिन सुरक्षात्मक कार्य अब तक शुरू नहीं हुए हैं.
रुद्रप्रयाग - केदारनाथ और मध्यमहेश्वर धाम की यात्रा प्रशासन ने 7-8 अगस्त तक स्थगित कर दी है. पैदल मार्ग पर बोल्डर गिरने से दुर्घटनाओं की आशंका बनी हुई है.
हरिद्वार - गंगा का जलस्तर 294.30 मीटर पर पहुंच गया है, जो खतरे के निशान से ऊपर है. प्रशासन ने घाटों पर अनाउंसमेंट करवाकर श्रद्धालुओं को दूर रहने की सलाह दी है.
उधम सिंह नगर - बाजपुर के चकरपुर, इंदिरा कॉलोनी और राजीव कॉलोनी में घरों में पानी घुस गया है. प्रशासन, NDRF और SDRF की टीमें राहत और रेस्क्यू कार्यों में जुटी हैं.
हिमाचल प्रदेश: बंद सड़कें, गिरे पेड़
शिमला - लगातार बारिश के कारण 4 राष्ट्रीय राजमार्ग समेत कुल 613 सड़कें बंद हो चुकी हैं. 448 मकान पूरी तरह नष्ट हो गए हैं. बिजली-पानी बाधित हैं. अब तक 194 लोगों की मौत हो चुकी है.
उत्तर प्रदेश: बाढ़ की चेतावनी और हकीकत
शाहजहांपुर - बांधों से पानी छोड़े जाने के चलते गर्रा और खन्नौत नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. पुलिस और आपदा राहत बल अलर्ट पर हैं. 13 थानों के 120 मोहल्लों और गांवों में बाढ़ की आशंका है.
मेरठ - हस्तिनापुर के खादर क्षेत्र में गंगा के बढ़ते जलस्तर से कई गांवों में पानी घुसने का खतरा है. प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है.
प्रयागराज - गंगा और यमुना के उफान के चलते निचले इलाकों में घर जलमग्न हो चुके हैं. लोग छतों पर रहने को मजबूर हैं. एक वायरल वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे एक परिवार ने अपनी छत से सामने वाले घर तक सीढ़ी लगाकर रास्ता बनाया है.
कानपुर - बारिश और बाढ़ की खबरों के बीच एक सकारात्मक खबर भी आई है, "एक जिला-एक नदी" अभियान के तहत नून नदी का पुनर्जीवन कर उसे फिर से बहता रूप दिया गया है.
बिहार: गंगा का विकराल रूप
मुंगेर - गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. सदर, जमालपुर, असरगंज जैसे क्षेत्रों के गांव जलमग्न हो चुके हैं. मुंगेर-बेगूसराय लिंक रोड पर दो फीट पानी चढ़ गया है.
भागलपुर - गंगा का पानी PG हॉस्टल में घुस गया है. छात्राओं को हॉस्टल खाली करनी पड़ी रही है. लगातार दो दिन से छात्राएं अपने सामान लेकर घर लौट रही हैं.
छपरा - राजकीय प्राथमिक विद्यालय बाढ़ के पानी से चारों ओर से घिर गया है. बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह बाधित हो गई है.
बक्सर - रामदास राय ओपी थाना बाढ़ की चपेट में है. कई पुलिस वाहन भी पानी में डूब चुके हैं.
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