विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि फ्री ट्रेड अग्रीमेंट पर भारत-ब्रिटेन रिलेशशिप का फोकस है और नई दिल्ली को उम्मीद है कि इस बातचीत को एक "लैंडिंग पॉइंट" मिलेगा जो दोनों पक्षों के लिए काम करेगा. सोमवार को लंदन में संसद भवन के पास वेस्टमिंस्टर हॉल में भारतीय उच्चायोग द्वारा आयोजित दिवाली रिसेप्शन को संबोधित करते हुए उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को दुनिया के लिए एक "सकारात्मक शक्ति" बताया.
जयशंकर ने भारत में चल रही तकनीकी प्रगति और सामाजिक-आर्थिक विकास की गति पर भी अपने विचार शेयर किए और कहा कि यूके में जो भारतीय प्रवासियों की संख्या दुनिया में सबसे बड़ी है, उन्होंने उनसे एक नए भारत की कहानी को दुनियाभर में फैलाने का आह्वान किया.
उन्होंने कहा, "भारत और ब्रिटेन का एक लंबा और बहुत जटिल इतिहास है. हम अपनी समानताओं, साझा प्रथाओं और संस्थानों के साथ इतिहास को एक सकारात्मक शक्ति बनाने की कोशिश कर रहे हैं...ताकि इतिहास हमारे लिए काम कर सके." जयशंकर द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा करने के उद्देश्य से ब्रिटेन की पांच दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर यहां आए हैं.
भारत-यूके व्यापक रणनीतिक साझेदारी को 2021 में भारत-यूके रोडमैप 2030 के साथ लॉन्च किया गया था, जिसका उद्देश्य कई क्षेत्रों में संबंधों का विस्तार करना है. अनुमानित GBP 36 बिलियन द्विपक्षीय व्यापार साझेदारी को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने के लक्ष्य के साथ भारत और यूके पिछले साल जनवरी से एक मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं.
इस बातचीत के 13 दौर हो चुके हैं, अधिकारियों को उम्मीद है कि 2024 में होने वाले दोनों देशों के आम चुनावों से पहले एक समझौता हो जाएगा. जयशंकर ने अपने संबोधन की शुरुआत रविवार को व्यस्त दिवाली के दिन 10 डाउनिंग स्ट्रीट में उनकी मेजबानी के लिए समय निकालने के लिए ब्रिटिश प्रधान मंत्री ऋषि सुनक को धन्यवाद देकर की.
जयशंकर ने कहा, "रिश्ते के लिए प्रतिबद्धता और समर्थन के बारे में उनसे सुनना बेहद संतोषजनक था. हमने दोनों को विकसित करने के बारे में बात करने में काफी समय बिताया." इसके साथ ही विदेश मंत्री ने, कैमरन के पूर्ववर्ती, ब्रिटेन के नए गृह सचिव जेम्स क्लेवरली से भी मुलाकात की, जिन्हें उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों के लिए "शक्ति का स्तंभ" बताया.
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