भाजपा के वरिष्ठ नेता और सांसद नारायण राणे ने सोमवार को शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा, लेकिन जिन शब्दों में उन्होंने उद्धव ठाकरे को घेरा है, उससे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी विवादों में घिर गए हैं. असल में राणे ने ठाकरे पर हमला करते हुए कहा, "शिंदे ने आपको छोड़कर मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाल ली, तो आपने उन्हें 'मिंधे' कहना शुरू कर दिया और उनकी सरकार को असंवैधानिक बताया.
जब वह आपके साथ थे और बैग ला रहे थे, तब आपको कोई समस्या नहीं थी. बैग ठाणे से मातोश्री के पिछले गेट तक पहुंच रहे थे. आज आप उसी व्यक्ति को बाहर निकालने की बात कर रहे हैं. हम बाहर नहीं जाएंगे, लेकिन वह आपको बाहर कर सकते हैं." हालांकि राणे ने यह स्पष्ट नहीं किया कि इन बैगों में क्या था जो मातोश्री पहुंचाए जा रहे थे, लेकिन बैग वाले बयान से सीएम शिंदे घिर गए हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए महाविकास अघाड़ी राज्य में डर्टी पॉलिटिक्स कर दंगे भड़काने की कोशिश कर रही है, खासकर मालवन में छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा के मुद्दे पर. राणे ने राज्य सरकार से संजय राउत के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की है, जो सोशल मीडिया पर छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा की तस्वीरें फैलाकर राज्य में अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं.
राणे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने महाराष्ट्र के प्रतीक छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है. राज्य सरकार ने इस घटना की जांच के लिए समितियों का गठन किया है और उसी स्थान पर नई प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया है. विपक्ष किसी न किसी तरीके से राज्य में साम्प्रदायिक तनाव पैदा करने और सड़क पर संघर्ष की स्थिति उत्पन्न करने की कोशिश कर रहा है, जबकि महाराष्ट्र विकास के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है.
राणे ने यह भी आरोप लगाया कि शरद पवार राज्य में माहौल को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि शरद पवार, जो कई वर्षों तक मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री रहे हैं, उन्होंने मराठा समुदाय के आरक्षण के लिए कुछ नहीं किया. "जब शरद पवार कहते हैं कि हमारी सरकार राज्य में सत्ता से बाहर हो जाएगी, तो वास्तव में इसका मतलब यह होता है कि हम सत्ता में बने रहेंगे. पवार कहते कुछ हैं लेकिन करते कुछ और हैं."
मुस्तफा शेख